Chhattisgarh Survey 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों (Chhattisgarh Assembly Election) में 5 महीने से कम समय बचे हैं. चुनावों को लेकर प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) जोरशोर से तैयारी कर रही हैं. दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता एक दूसरे पर लगातार आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की अगुवाई वाली कांग्रेस को गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) और स्टेट सिविल सर्विसेस (CG PSC) में कथित गड़बड़ी को लेकर घेरा. वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए मुख्य विपक्षी बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बीच दैनिक भास्कर ने चुनाव से पहले महा-सर्वे किया है.


कुल मिलाकर दोनों दल एक दूसरे को घेर रहे हैं और जनता को अपनी तरफ खींचने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे. कांग्रेस सत्ता को दोहराने का दावा कर रही है वहीं बीजेपी का कहना है जनता ने उनको राज्य के सत्ता की चाबी सौंपने का मन बना लिया है.


सर्वे की मुख्य बातें



  • छत्तीसगढ़ विधानसभा के सभी 90 सीटों पर किए गए सर्वे के मुताबिक प्रदेश की 58 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वो प्रत्याशी के आधार पर अपना वोट देंगी, जबकि इस मामले में सिर्फ 54 फीसदी पुरुषों ने कहा कि वो प्रत्याशी के आधार पर मतदान करेंगे. 

  • प्रदेश की 26 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वो पार्टी के आधार वोट करेंगी, तो वहीं 32 फीसदी पुरुष ने कहा कि वो पार्टी के आधार पर वोट करेंगे. जारी सर्वे में बताया गया कि 39 फीसदी महिलाएं और 45 फीसदी पुरुषों ने कहा कि वो इस बार भी उसी पार्टी को वोट देंगे, जिसे पिछली बार उन्होंने वोट किया था. हालांकि इस मामले में 21 फीसदी महिला और 16 फीसदी पुरुषों का वो समूह भी है जो इस बार किसी दूसरे पार्टी को वोट देने के बारे में सोच रहे हैं. 

  • सर्वे में शामिल 42 फीसदी महिलाओं ने और 32 फीसदी पुरुषों ने कहा कि उन्होंने अभी तय नहीं किया है कि वो किसे वोट देंगे. जबकि 46 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह अपने क्षेत्र में किसी अनुभवी प्रत्याशी को वोट देना चाहेंगी. सर्वे में शामिल एसटी और ओबीसी वर्ग के एक समान 56 फीसदी मतादाता, सामान्य वर्ग के 58 फीसदी मतदाता और एससी वर्ग के 55 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि यदि उनकी पसंदीदा पार्टी ने मनमुताबिक प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया तब भी वो उसी पार्टी को वोट देंगे. 

  • जातिगत सर्वे के आधार पर सर्वे में शामिल किए लोगों में से एसटी और ओबीसी वर्ग के एक समान 58 फीसदी, एससी वर्ग के 62 फीसदी और सामान्य वर्ग के 53 फीसदी लोगों ने कहा कि वो दो बार जीत चुके प्रत्याशियों को टिकट देने के खिलाफ हैं. इस दौरान सामान्य वर्ग के 48 फीसदी, एससी- एसटी वर्ग के 45 फीसदी लोगों ने कहा कि वह उसी पार्टी को वोट देना पसंद करेंगे, जिसे उन्होंने पिछली बार वोट किया था. 

  • इस बार 55 फीसदी एससी, 47 फीसदी एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों ने युवा प्रत्याशी को वोट देने का फैसला किया है. जबकि 47 फीसदी सामान्य वर्ग के लोगों ने अनुभवी प्रत्याशी को वोट देने का मन बना रहे हैं. 


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