Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में चुनाव के पहले बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में दावेदारों के नामों पर बवाल मचा हुआ है. बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं का घोषित प्रत्याशियों और दावेदारों के विरोध में रोजाना मेला लग रहा है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सितंबर के पहले सप्ताह में सूची जारी करने का दावा कर रही थी, लेकिन अब अक्टूबर आ गया है पर कांग्रेस की पहली सूची नहीं आई है. इससे कांग्रेस नेताओं के बीच खलबली मची हुई है. इन सबके बीच अब कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग भी शुरू हो गई है.


दरअसल, बीजेपी ने अगस्त में अपनी पहली सूची जारी कर दी  थी. पार्टी ने उन 21 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी की, जहां उसे लगातार हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद अब दूसरी सूची के लिए बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नाम फाइनल कर लिए हैं, लेकिन अब तक दूसरी सूची जारी नहीं की गई है. इसके पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी को वजह माना जा रहा है. क्योंकि हाल ही में बीजेपी की वायरल हुई संभावित दावेदारों की लिस्ट पर जमकर विरोध हो रहा है. 


कांग्रेस के सामने है ये मुश्किल
वहीं कांग्रेस ने राज्य स्तर पर सभी 90 सीटों पर दावेदारों के नामों पर कई चरण में बैठक की है, लेकिन पार्टी प्रत्याशियों के नामों को तय नहीं कर पा रही है. क्योंकि उसके 90 में 71 विधायक हैं. सभी विधायकोंं को फिर चुनावी मैदान में उतारने का फैसला कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. दूसरी तरफ लगभग सभी विधायकों के क्षेत्र से दूसरे कांग्रेसी दावेदारों ने टिकट के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. इसलिए एक नाम पर भी अब तक सहमति नहीं बनी है. इन सबके बीच टिकट वितरण और कार्यकर्ताओं के बवाल पर कांग्रेस और बीजेपी में सियासत भी जारी है.


सूची जारी करने को लेकर बीजेपी ने घेरा
बीजेपी के सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने कहा "छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची 'बीरबल की खिचड़ी' की तरह हो गयी है. न बीरबल की खिचड़ी पक रही है और न कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी हो रही है, जो बताता है कि कांग्रेस के घर में गुटबाजी अपने चरम पर है. इसलिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और गृह मंत्री में तालमेल नहीं दिख रहा है." संजय श्रीवास्तव ने तंज कसा कि ज्यादा नहीं तो, कम-से-कम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम की घोषणा ही कांग्रेस कर देती. कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री का टिकट भी फाइनल नहीं कर पा रही है. क्योंकि कांग्रेस के खुद के सर्वे में मुख्यमंत्री बघेल की परफॉर्मेंस खराब है. कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को लेकर कन्फ्यूज है


कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार
वहीं बीजेपी के बयान का पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद बीजेपी अपने घर में लगी आग बुझाने के बजाए दूसरों के घरों में तांक झांक कर रही है. कांग्रेस में टिकट कब आएगा, प्रत्याशी कौन होगा ये सब कार्यकर्ता और नेता मिल बैठकर करते हैं, लेकिन बीजेपी में तो न दावेदारों को महत्व मिल रहा है न कार्यकर्ताओं से पूछा गया है. सिर्फ बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की तानाशाही चल रही है, जिसका ही परिणाम है उनके 21 प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है. अब बीजेपी की सूची वायरल होने के बाद तो टिकट के दावेदार और उनके समर्थक कालिख लेकर पार्टी के बड़े नेताओं को दौड़ा रहे हैं.


देरी से प्रत्याशियों के नाम जारी कर सकती है दोनों पार्टियां
धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा "दिल्ली से रायपुर आकर रात में बैठक करने वाले बीजेपी के बड़े नेता अब दावेदारों और कार्यकर्ताओं के गुस्से को देखते हुए छत्तीसगढ़ नहीं आ रहे हैं, बल्कि जी हुजूरी करने वाले बीजेपी के चंद स्थानीय नेताओं को दिल्ली बुलाकर लीपा पोती करने में लगे हैं." गौरतलब है कि लगातार विरोध और विवाद वाली सीटों पर दोनों ही पार्टी देरी से प्रत्याशियों के नाम जारी कर सकती हैं. क्योंकि चुनाव के ठीक पहले दोनों ही पार्टियां कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती हैं. 


जिन सीटों पर एक राय से सहमति बन रही है. उन सीटों के नाम जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे. कांग्रेस की दिल्ली में फाइनल मीटिंग होने वाली है. इसके बाद कांग्रेस भी अपनी पहली लिस्ट जारी करेगी. 


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