Chhattisgarh Election 2023 News: इस साल के आखिर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) होने हैं, इसकी तैयारियों को लेकर प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियां जोरशोर से तैयारी में जुटी हुई हैं. छत्तीसगढ़ का सबसे महत्वपूर्ण संभाग माने जाने वाले दुर्ग संभाग( Durg) पर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर है. क्योंकि इस संभाग से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) समेत छह मंत्री आते हैं. इस संभाग में 20 सीटों में से 18 सीटों पर कांग्रेस (Congress) का कब्जा है. इसलिए गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इस संभाग के सभी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है.
2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दुर्ग संभाग में अच्छा प्रदर्शन किया था. कांग्रेस ने 20 सीटों में 18 सीटों पर जीत दर्ज किया था. छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इसी संभाग के पाटन विधानसभा से विधायक हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के 12 मंत्रियों में से, सीएम बघेल सहित 6 मंत्री इसी संभाग से आते हैं. ऐसे में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की नजर इसी संभाग पर टिकी हुई है.
अमित शाह ने दुर्ग संभाग के लिए बनाई रणनीति
दुर्ग संभाग में 13 सीटें ऐसी है जहां बीजेपी जीतती रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत दुर्ग संभाग के छह मंत्रियों की सीट पर भी बीजेपी को पिछले चुनावों में जीत मिली थी. इन 13 सीटों में कोई भी ऐसी सीट नहीं है, जहां लगातार कांग्रेस के विधायक ही जीतते हों. 2018 विधानसभा चुनाव में दुर्ग संभाग गवाने के बाद, अब यहां बीजेपी को अमित शाह की रणनीति का ही सहारा है. अमित शाह ने दुर्ग संभाग के 20 सीटों के लिए बीजेपी के पदाधिकारियों से चर्चा करके विशेष रणनीति बनाई है.
अमित शाह ने बनाई है ये विशेष रणनीति
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद दुर्ग संभाग की जिन 13 सीटों पर दो या तीन चुनाव बीजेपी जीती थी. उनके लिए अमित शाह ने स्थानीय नेता, स्थानीय मुद्दा का फार्मूला दिया है. प्रदेश स्तर और केंद्रीय स्तर की एक विशेष टीम इस अभियान की मॉनिटरिंग करेगी. महीने में एक बार अमित शाह की टीम इसकी समीक्षा करेगी. अगले एक महीने में हर सीट पर कम से कम पांच मजबूत नेताओं की पहचान करके जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इन पांच नेताओं में से एक को विधानसभा का टिकट दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में सामाजिक और जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा.
अमित शाह के दुर्ग दौरे के क्या है मायने?
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ साल पूरे होने पर छत्तीसगढ़ के हर संभाग में केंद्रीय मंत्री पहुंच रहे हैं. लेकिन अमित शाह ने उस संभाग का दौरा किया है जो सबसे महत्वपूर्ण दुर्ग संभाग है. बीजेपी के राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह के दुर्ग दौरे से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ गया है. छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के साथ- साथ दुर्ग संभाग के 20 सीटों के लिए नए समीकरण बनेंगे. आपको बता दें कि जब 2014 के लोकसभा चुनाव हुआ था तब छत्तीसगढ़ के एक मात्र दुर्ग लोकसभा सीट पर बीजेपी को हार मिली थी. उसके बाद अमित शाह की रणनीति से 2019 में बाजी पलटी और बीजेपी प्रत्याशी विजय बघेल ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की. ऐसा तब हुआ जब छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन आठ महीने बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दुर्ग लोकसभा से बड़ी जीत मिली.
कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी करेगी कैम्पेन
बीजेपी अब चुनावी साल में इस तरह कैम्पेन करेगी, इसके अलावा पार्टी आलाकमान का सामाजिक क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों को पार्टी के साथ लाना भी एक अहम बात होगी. अलग-अलग समाज के प्रमुख नेताओं और धर्मगुरुओं के साथ संवाद, आरक्षित सीट पर सरंपच और जनपद प्रतिनिधियों को पार्टी की नीतियों से जोड़ना, केंद्र सरकार की नीतियों का लाभ लेने वालों से सीधा संवाद. पिछले चुनाव के बाद पार्टी से दूर हुए प्रभावशाली नेताओं की वापसी कराना. हर विधानसभा के मुद्दे तैयार करना और उसके आधार पर राज्य सरकार को घेरना बीजेपी के रणनीतियों में शामिल है.