Chhattisgarh  Election 2023 News: छत्तीसगढ़ में इसी साल के आखरी महीनों में विधानसभा सभा चुनाव होने है. दुर्ग जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से एक सीट भिलाई नगर विधानसभा सीट है. इस सीट को मिनी इंडिया भी कहा जाता है. इस सीट को महत्वपूर्ण सीट के तौर पर देखा जाता है. 2018  विधानसभा चुनाव में पहली बार एक युवा प्रत्याशी देवेन्द्र ने बीजेपी के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय को हराकर विधायक बने थे. आज हम इसी सीट के बारे में बात करेंगे और समझेंगे यहां मौजूदा राजनीतिक समीकरण और प्रोफाइल.


पिछली बार 2018 के विधानसभा चुनाव में भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 66.97 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने बीजेपी के प्रेमप्रकाश पांडेय को 2 हजार 849 वोटों के अंतर से हराया था. 2018 के विधानसभा चुनाव में भिलाई नगर विधानसभा में कांग्रेस और बीजेपी के बीच में ही मुख्य मुकाबला हुआ था. जहां कांग्रेस के प्रत्याशी देवेन्द्र यादव को 51 हजार 044 वोट मिले तो वही बीजेपी के प्रत्याशी प्रेम प्रकाश पांडेय को 48 हजार 195 वोट मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव ने अपने निकटतम प्रत्याशी प्रेम प्रकाश को 2 हजार 849 वोटो से मात दी थी. 


कांग्रेस ने इस नेता का टिकट काटकर देवेंद्र यादव को दिया था टिकट
जब 2018 विधानसभा चुनाव हुआ था उस समय बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर मौजूदा बीजेपी सरकार में उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रह चुके प्रेमप्रकाश पांडेय चुनावी मैदान में उतरे थे. वही भिलाई नगर विधानसभा से कांग्रेस के नेता व पूर्व मंत्री बदरुद्दीन कुरैशी का टिकट काट कर कांग्रेस ने भिलाई नगर विधानसभा से पहली बार विधानसभा के चुनाव लड़ने वाले देवेंद्र यादव को अपना प्रत्यासी के तौर मैदान में उतारा था. देवेंद्र यादव ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़कर पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे को हराकर विधायक बने थे.


जानिए भिलाई नगर विधानसभा सीट की राजनीतिक प्रोफाइल
भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 1 लाख 48 हजार 982 मतदाता है. जिसमें 76 हजार 484 पुरुष मतदाता है तो वही 72 हजार 498 महिला मतदाता है. इस विधानसभा में सभी समाज के लोगो निवासरत है. इस विधानसभा क्षेत्र में भिलाई के टाउनशिप के मतदाता यहां प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते है. इस विधानसभा में पिछले 5 चुनावों में कांग्रेस अल्पसंख्यक और बीजेपी सवर्ण वर्ग प्रत्याशी को टिकट देते रहें है. जनता भी दोनों को बारी-बारी से मौका देती रही है. लेकिन साल 2018 विधानसभा में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग से प्रत्याशी टिकट दिया था. इस मिनी इंडिया कहलाने वाली इस्पात नगरी में हर प्रांत, संप्रदाय, धर्म और जाति के लोग निवासरत हैं. दोनो दल का फोकस विभिन्न प्रांतों के मतदाताओं और श्रमिक संगठनों पर रहता है. बात राजनीतिक समीकरण की जाए तो बीजेपी और कांग्रेस में अक्सर कांटे की टक्कर देखने को मिलती है.


जानिए इस विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय मुद्दे
इस विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं को बात की जाए तो टाउनशिप में गंदे पेयजल की सप्लाई. बिना एनओसी के टाउनशिप में विधायक द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्य. बीएसपी अधिकारी- कर्मचारी का विधायक व उनके समर्थकों के प्रति आक्रोश,हाऊस लीज एक और बड़ा मुद्दा है. सरकार की बिजली बिल हॉफ योजना का बीएसपी के टाउनशिप के लोगो को नही मिल पाया लाभ. खुर्सीपार क्षेत्र में हर वर्ष बीमारियों का कहर डेंगू,मलेरिया और डायरिया जैसे बीमारियों से समस्याओं से क्षेत्र की जनता को जूझना पड़ता है. 


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