Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी जोगी कांग्रेस (JCCJ) को चुनाव के पहले बड़ा झटका लगा है. बलौदा बाजार से JCCJ के विधायक प्रमोद शर्मा (Pramod Sharma) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. विधानसभा के मानसून सत्र खत्म होने के अगले ही दिन प्रमोद शर्मा ने पार्टी से अलग होने का फैसला कर लिया है. प्रमोद शर्मा ने पिछले साल ही पार्टी से अलग होने का फैसला बना लिया था, लेकिन संवैधानिक प्रक्रिया के चलते विधानसभा की कार्रवाई के बाद पार्टी से अलग हो गए है.


दरअसल शनिवार को प्रमोद शर्मा ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत के दौरान अपने इस्तीफे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कल (21 जुलाई) विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन था. जोगी कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य के नाते, मैं कल तक सदन में जोगी कांग्रेस के विधायक के तौर पर मौजूद था. लेकिन आज (22 जुलाई) मैंने रेणु जोगी को इस्तीफा भेज दिया है और अब मैं स्वतंत्र हो गया हूं. प्रमोद शर्मा के इस्तीफा पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का भी बयान सामने आया है.


महाराष्ट्र की तरह पार्टी तोड़ने की कोशिश


अमित जोगी ने दावा किया है कि प्रमोद शर्मा का इस्तीफा अबतक मिला नहीं है. लेकिन उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वर्गीय अजीत जोगी के द्वारा बनाई प्रदेश की पहली और एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी JCCJ का सौदा करके महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए लगभग साल भर पहले ही हमें जो भी वैधानिक कार्यवाही करनी थी, वो हम कर चुके हैं. प्रमोद शर्मा के द्वारा विधान सभा अध्यक्ष को कथित रूप से भेजा इस्तीफा (जिसकी प्रतिलिपि हमें प्राप्त नहीं है) जोगी जी की पार्टी को बचाने की किए गए कार्यवाही को एक बार फिर से सही साबित करता है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि बलौदा बाज़ार की जनता ने पहले भी जोगी कांग्रेस को खूब प्यार दिया है और आगे भी देती रहेगी. हम हमेशा उनके ऋणी रहेंगे.


इस कारण प्रमोद शर्मा ने दिया इस्तीफा


आपको बता दें कि पिछले साल जोगी कांग्रेस के सीनियर विधायक धर्मजीत सिंह को पार्टी ने निस्कासित कर दिया था. तब अमित जोगी ने धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा पर पार्टी को तोड़कर दूसरे पार्टी में विलय कर लेने की कोशिश करने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. तब जोगी कांग्रेस ने लोरमी विधानसभा के विधायक धर्मजीत सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बाद से प्रमोद शर्मा ने पार्टी के सभी गतिविधियों से दूरी बना ली थी. लगातार ये कह भी रहे थे की वो धर्मजीत सिंह के साथ रहेंगे. 


जोगी कांग्रेस का राजनीतिक समीकरण क्या है?


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद जोगी कांग्रेस की स्थिति दिन ब दिन डगमगाई है. क्योंकि 2018 विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन कर 7 विधायक और कुल मतदान में 14 प्रतिशत वोट के साथ राज्य में तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में आई थी. इसमें 5 विधायक जेसीसीजे के और 2 विधायक बसपा के थे. लेकिन 2020 के बाद से पार्टी लगातार टूटती जा रही है. अजीत जोगी की सीट को जोगी कांग्रेस बचा नहीं पाई. खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद भी पार्टी वापसी नहीं कर पाई. पिछले साल पार्टी के विलय के डर से धर्मजीत सिंह को निकाला गया और अब प्रमोद शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है. यानी अब पार्टी की प्रमुख रेणु जोगी इकलौती जोगी कांग्रेस की विधायक है.