Chhattisgarh Elections 2023: स्वतंत्रता दिवस की रात हुई कांग्रेस चुनाव समिति की बड़ी बैठक, बनी प्रत्याशी चयन की रणनीति
Chhattisgarh: कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक हुई. इसमें प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम बघेल डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव समेत समिति के सभी 22 लोग रहे.
Chhattisgarh Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस (Congress) की तैयारी तेज हो गई है. स्वतंत्रता दिवस की रात को कांग्रेस चुनाव समिति की बड़ी बैठक हुई है. इसमें प्रत्याशी चयन को लेकर समिति ने बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने के लिए अपने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी को आवेदन देना होगा. इसके लिए 17 अगस्त से आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
बड़ी बात ये है की इसी महीने की 31 तारीख तक ये पूरी प्रक्रिया पूरी कर प्रदेश चुनाव समिति के पास चुनाव लड़ने वालों के चेहरे सामने आ जाएंगे. इसके बाद नामों की फाइल आगे एआईसीसी (AICC) के पास जाएगी. दरअसल, 15 अगस्त की रात 9 बजे प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel), डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (TS Singh Deo) समेत समिति के सभी 22 लोग बैठक में शामिल हुए. ये बैठक देर रात तक चली और इसमें चुनाव समिति ने 90 विधानसभा में प्रत्याशियों के चयन के लिए रणनीति बनाई गई.
जिताऊ कैंडिडेट पर पार्टी खेलेगी दांव
यही नहीं जहां कांग्रेस के विधायक मौजूद हैं वहां से भी आवेदन मंगाए गए हैं. केवल जिताऊ कैंडिडेट पर कांग्रेस पार्टी दांव खेलेगी. कोटा सिस्टम को पार्टी ने नकार दिया है. इसकी जानकारी खुद डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने मीडिया को दी है. प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति ने निर्णय लिया है कि 17 अगस्त से 22 अगस्त तक टिकट की दावेदारी करने वाले नेता और कार्यकर्ता अपने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में आवेदन करेंगे. किसी भी दावेदार का नाम सीधे नेताओं के हवाले से चुनाव समिति के पास नहीं स्वीकार किया जाएगा. यहां तक मुख्यमंत्री तक को अपने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में चुनाव के लिए आवेदन करना होगा.
ये होगी प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया
इसके बाद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मीटिंग कर अपने सुझाव के साथ दावेदारों की पूरी सूची जिला कांग्रेस कमेटी के पास भेजेगी. दो दिन में जिला बॉडी भी नामों के पैनल पर मीटिंग करेगी और अपने सुझाव के साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के पास लिस्ट भेज देगी. इसके बाद हर विधानसभा से आए नामों की फाइल पीसीसी तैयार करेगी. इसमें जिताऊ कैंडिडेट पर फैसला लिया जाएगा. अगर ब्लॉक और जिला कांग्रेस ने किसी जिताऊ कैंडिडेट का एक नाम अपने सुझाव में दिया है, तो उस नाम की सिंगल फाइल बनेगी. अगर ज्यादा हुए तो सभी के नाम चुनाव समिति के पास भेजे जाएंगे. इस पूरे प्रक्रिया को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया है.
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की भी होगी अहम भूमिका
इसके अलावा कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी भी अपने नजरिए से दावेदारों के सर्वे के लिए ग्राउंड पर जाएगी. आवेदन करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के काम को देखा जाएगा. प्रत्याशी चयन में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की भी अहम भूमिका होगी. क्योंकि स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद ही अंतिम फैसला होगा. यानी कुल मिलकर चुनाव समिति के पास आए नाम और स्क्रीनिंग कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही एआईसीसी प्रत्याशियों के नामों को फाइनल करेगा. इसके बाद 90 विधानसभा सीटों पर टिकट की घोषणा कर दी जाएगी. बता दें कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक को लेकर कांग्रेस भवन में डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव ने बयान दिया है.
चुनाव लड़ने के लिए एक क्राइटेरिया फिक्स
उन्होंने साफ कर दिया है की प्रक्रिया के अनुसार ही कैंडिडेट के नाम फाइनल होंगे. नेताओं के कोटा सिस्टम जैसी बात को उन्होंने नकार दिया है. टीएस सिंहदेव ने कहा "मैं अलग नजर से देखूंगा आप अलग नजर से देखेंगे. जो सर्वे हो रहे हैं वो अलग बताएंगे. मुझे सब हरा हरा दिख सकता है, लेकिन हो सकता 90 विधानसभाओं में अंदर से कुछ कमी हो. ये स्थिति रहती है. अपना नजरिया एक होता है और निष्पक्ष नजरिया एक होता है. दोनों को ध्यान में रखते हुए अंतिम निर्णय लिया जाएगा." इसके आगे टी एस सिंहदेव ने कहा कि कोटा नहीं रहता कभी पिछली बार (2018 के चुनाव में भी इसमें भाग लेने का मौका मिला था.
उन्होंने कहा कि हमने एक ही क्राइटेरिया रखा था. कौन किससे जुड़े हैं ये मायने नहीं रखता है. मीडिया में छपेगा कि ये टीएस बाबा से जुड़े हुए हैं. उनको कभी टिकट नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि वो टीएस बाबा से जुड़े हैं. टिकट उन्हीं को मिलना चाहिए जो जीत सकता है. यानी नेताओं के हवाले से टिकट की मांग करने वाले नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा.