Chhattisgarh: रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में जद्दोजहद तेज, क्या हैं सियासी समीकरण?
Assembly Election 2023: रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर सभी वर्ग के मतदाताओं की संख्या लगभग समान है. अस्तित्व में आने के बाद बीते 3 चुनावों में से 2 बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी को कामयाबी मिली है.
Raipur City North Assembly: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए सभी राजनीतिक दल एक्टिव मो़ड में आ गई हैं. मतदाताओं को रिझाने के लिए सियासी जमातों के नेता लगातार अपने क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है. आज हम राजधानी रायपुर की उत्तर विधानसभा सीट की चुनावी आंकड़ों पर चर्चा करते हैं. इस सीट के अस्तित्व में आने के ये चौथी बार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
दरअसल रायपुर उत्तर विधानसभा का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के 8 साल बाद 2008 में रायपुर उत्तर विधानसभा अस्तित्व में आया है. इसके बाद से अब तक यहां 3 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव इस सीट का चौथा विधानसभा चुनाव होगा. इस सीट पर साल 2008 में हुए पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेता कुलदीप जुनेजा ने जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे, इसके बाद 2013 में बीजेपी के श्रीचंद सुंदरानी विधायक बने. जबकि रायपुर उत्तर विधानसभा सीट के लिए 2018 में हुए चुनाव में दोबार कांग्रेस के कुलदीप जुनेजा ने जीत हासिल की थी. इस बार यहां का सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा, इसके लिए सभी पार्टियां ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं.
इस सीट पर सभी जातियों की संख्या है लगभग समान
रायपुर उत्तर विधानसभा के राजनीति समीकरण की बात करें तो रायपुर उत्तर में सिंधी समाज और सिख समाज के प्रत्याशियों के बीच ही अब तक चुनाव लड़ा गया है. रायपुर उत्तर विधानसभा के राजनीतिक समीकरण की लेकर वरिष्ठ पत्रकार मनीष वोरा ने बताया कि उत्तर में मिक्स वोटर हैं. किसी एक समाज का इस सीट पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं है. यही कारण है कि यहां का चुनाव काफी दिलचस्प हो जाता है. इस सीट सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी किस्मत आजमाती रही हैं लेकिन रायपुर उत्तर विधानसभा में प्रमुख रूप से कांग्रेस और बीजेपी ही जंग रहती है. इस सीट पर व्यापारियों का प्रभाव अधिक है, यहां का मतदाता हर बार चुनावों के बाद प्रतिनिधि बदल देती है. बीते 3 चुनाव इसका उदाहरण है. माना जाता है कि यहां के वोटर किसी पार्टी विशेष या चेहरे के बजाय, काम और प्रत्याशी के व्यक्तित्व पर वोट करते हैं.
रायपुर उत्तर की क्या है बड़ी समस्या?
इस बार रायपुर उत्तर विधानसभा में बहुत सारे प्रत्याशी दावेदारी ठोक रहे हैं. इस क्षेत्र में सभी समाज की जनसंख्या लगभग एक समान है. रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं की बात करें तो इस इलाके मे पीने के पानी की समस्या सामान्य बात है. चौक चौराहे पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी प्रमुख मुद्दों में से एक है. क्षेत्र में कई जगह की सड़कें जर्जर स्थिति में है. बीते कुछ दिनों पहले भेंट मुलाकात कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने रायपुर उत्तर के विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं.
2018 विधानसभा चुनाव का ये है आंकड़ा
उत्तर विधानसभा क्षेत्र का निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 50 है. ये अनरिजर्व सीट है. 2018 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल मतदाता 1 लाख 82 हजार 507 हैं. चुनावों में सिर्फ एक लाख 10 हजार 15 लोगों ने ही मतदान किया था यानी कुल मतदान का सिर्फ 60.28 फीसद है. 2018 चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप जुनेजा को 59 हजार 843 वोट मिले है जो कुल मतदान का 54.40 फीसद है. वहीं बीजेपी प्रत्याशी श्रीचंद सुंदरानी को 43 हजार 502 वोट मिले थे, जो कुल पड़े मतों का 39.54 फीसद है. तीसरे नंबर JCCJ के प्रत्याशी अमर गिदवानी को 2.28 फीसद के साथ केवल 2510 वोट मिले थे. चौथे नंबर पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी योगेंद्र सेन 00.82 फीसदी वोटों के साथ सिर्फ 898 वोट मिले थे.
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