Chhattisgarh Assembly Elections 2023: बस्तर (Bastar) संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से सबसे हाई प्रोफाइल सीट माने जाने वाली कोंटा (Konta) विधानसभा से एक बार फिर आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने आवेदन जमा किया है. कवासी लखमा कोंटा विधानसभा क्षेत्र से पिछले पांच बार से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. वहीं इस बार भी माना जा रहा है कि कवासी लखमा को ही कांग्रेस (Congress)अपना प्रत्याशी बनाएगी. ऐसे में बीजेपी (BJP) की तरफ से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.


बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष हूंगाराम मरकाम (Hungaram Markam) ने कहा "अगर कोंटा विधानसभा से कवासी लखमा इस बार चुनाव जीतते हैं, तो वह अपना राजनीतिक कैरियर खत्म कर देंगे और संन्यास ले लेंगे. हालाकि उन्होंने ये भी कहा उन्हें अपना राजनीतिक कैरियर खत्म करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि कोंटा विधानसभा के सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यह फैसला ले लिया है कि इस बार के चुनाव में कवासी लखमा को किसी भी हाल में हराना है." दरअसल, बस्तर संभाग का कोंटा  विधानसभा कांग्रेस का एक अभेद किला है, जिसे तोड़ पाना बेहद ही मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है. क्योंकि पिछले 25 सालों से यहां कांग्रेस के विधायक कवासी लखमा का बोलबाला है.


1998 से लगातार जीत रहे कवासी लखमा
कवासी लखमा 1998 से लगातार इस विधानसभा से विधायक चुने जा रहे हैं. इस बार भी कवासी लखमा ने चुनाव लड़ने  के लिए ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को आवेदन दिया है. इस विधानसभा से कांग्रेस से केवल एक ही दावेदार कवासी लखमा ने ही आवेदन जमा किया है. वहीं बीजेपी से इस बार चार से ज्यादा नेता यहां से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं, जिसमें हूंगाराम मरकाम, सोयम मुक्का, दीपिका सोरी, धनीराम बारसे शामिल हैं. हालांकि इस बार बीजेपी के सभी नेता कोंटा विधानसभा से पार्टी की जीत सुनिश्चित होने का दावा कर रहे हैं. 


यही वजह है कि बुधवार देर शाम  सुकमा जिले में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हुई चुनावी बैठक के बाद हूंगाराम मरकाम ने स्थानीय मीडिया के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में अगर कोंटा विधानसभा से कवासी लखमा फिर चुनाव जीतते हैं तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा. उन्होंने कहा कि इस बार कवासी लखमा की हार सुनिश्चित है और अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं अपना राजनीतिक करियर खत्म कर दूंगा.


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