Chhattisgarh Election 2023 Date: छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी ने ताकत झोंक रही है. बीजेपी के दिग्गज नेता प्रभारी लगातार प्रदेश का दौरा कर संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं. बीजेपी का फोकस चुनाव से पहले संभागवार संगठन को मजबूत और चुनाव के लिए खड़ा करने पर है. इसी कड़ी में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर (Om Prakash Mathur) आज बिलासपुर पहुंचे. यहां उन्होंने सम्भागीयम पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के साथ आगामी चुनाव को लेकर संगठनात्मक गतिविधियों और रणनीति पर चर्चा की.


बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने बताया कि संभागवार पार्टी पदाधिकारी जिसमें मंडल, जिला और बूथ के कार्यकर्ता शामिल हैं सीधे उनके बीच जाकर चर्चा की जा रही है और आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि वे जहां भी चुनाव के लिए जाते हैं वहां दो हिस्सों में कार्यक्रम को बांटते हैं, जिसमें चुनावी पॉलिटिकल कार्य और चुनावी टेक्निकल कार्य के लिए संगठनात्मक बैठक होती है. उसमें आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए वहां के कार्यकर्ता चाहे वह मंडल हो, जिला समिति या पन्ना प्रमुख की टीम हर छोटी-छोटी बात पर कैसे ध्यान रखना है, उस पर फोकस होता है. इसके अलावा चुनाव जीतने के लिये क्या-क्या करना और उसके साथ-साथ बूथ सशक्तिकरण पर उनका फोकस होता है.


ओम माथुर ने कहा कि विशेष तौर पर संगठन की अकाउंटबिलिटी की जानकारी लेना और उसे रेगुलाइज करने का काम बैठक के जरिए किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले चरण में बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर संभाग में कार्यक्रम तय किया गया है. इसके बाद अन्य दो संभाग का कार्यक्रम तय कर दौरा किया जाएगा. बैठक में प्रदेश बीजेपी सह प्रभारी नितिन नबीन, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, उपाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी शामिल रहे.


सीएम का चेहरा पार्टी तय करेगी


प्रदेश बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने इस दौरान मिडिया से चर्चा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी की आगामी चुनाव की तैयारियों पर भी खुलकर बात की. त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय चुनाव के परिणाम पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और मेघालय में बीजेपी अकेले और नागालैंड में गठबंधन के साथ लड़ी, जो स्थिति है उसमें त्रिपुरा में हम बहुमत की तरफ बढ़ रहे हैं. नागालैंड में हमारी गठबंधन की सरकार बनाने जा रही है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा, हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के नाम पर जो वातारण बनाया गया, उसका क्या असर हुआ इसका जवाब जनता ने दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने 2023 में बीजेपी के चेहरे के सवाल पर कहा कि चेहरा कौन होगा, इसका निर्णय ना मैं कर सकता हूं ना यहां की टीम कर सकती है.


बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन की पार्टी है, सिस्टम की पार्टी है यह किसी व्यक्ति, परिवार या समाज की पार्टी नहीं है. यहां सिस्टम बना हुआ है, सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड यह निर्णय करता है कि चुनाव किस तरह से लड़ा जाए और कौन चेहरा होगा. उन्होंने कहा कि कई जगह चेहरा घोषित करके लड़े हैं कई जगह बिना चेहरा घोषित किए भी लड़े हैं. अंतिम निर्णय सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड का है जो भी निर्णय करेगा, छत्तीसगढ़ का कार्यकर्ता उसका पालन करेगा.


टिकट बंटवारे को सवाल पर क्या कहा?


प्रदेश बीजेपी प्रभारी ओम माथुर ने नए चेहरों के सवाल पर कहा कि कोई भी स्टेट की रणनीति दूसरे स्टेट में लागू नहीं होती है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीते कुछ चुनाव का इतिहास खंगाले तो रूटीन में 30 से 40 फीसदी चेहरे नए आते हैं. बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी है, तो इसमें नए लोग भी आए हैं. गुजरात का फार्मूला यहां लागू होगा यहां का फॉर्मूला किसी और जगह ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि जीतने वाले कैंडिडेट को ध्यान में रखकर हम टिकट देंगे. 
 
महंगाई के सवाल पर ओम माथुर ने कहा कि महंगाई का असर नहीं है. केवल महंगाई का वातारण बनाया जा रहा है. इस परिस्थिति में जो रिजल्ट आ रहे हैं, उसकी तरफ भी देखना चाहिए. त्रिपुरा, नागालैंड में जो रिजल्ट आ रहा है, जहां कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक होकर लड़ रहे हैं वहां भी यह वातारण बनाया गया, ढोल बजाया गया, लेकिन उसका कोई असर नहीं हो रहा है. पीएम मोदी ने जो ग्रामीण विकास की योजनाएं लागू किये हैं, उसका असर वोटर के मानसिकता पर है. उन्होंने हार के सबक के सवाल पर कहा कि बीजेपी हर विषय से सबक लेती है. बीजेपी कोई एजेंसी नहीं है, हर हार-जीत से सबक लेकर हम आगे बढ़ते हैं. हम किसी को चुनौती नहीं मानते हैं, हमारा कार्यकर्ता हर चुनौती का सामना करने के लिए खड़ा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) किसी एजेंसी के बूते चुनाव नहीं लड़ती, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं के बूते पर चुनाव लड़ती है. 


ये भी पढ़ें: Holi 2023: इस गांव में होली के सप्ताहभर पहले ही उड़े रंग-गुलाल, दीवाली भी मनाते हैं पहले, वजह हैरान करने वाली