Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इसमें सीएम भूपेश बघेल,डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के साथ सभी कैबिनेट मंत्रियों को फिर टिकट दिया गया है. यानी बीजेपी की तरह कांग्रेस ने भी अपने 2018 विधानसभा के सभी बड़े चेहरों को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. लेकिन जातिगत समीकरण क्या है ये आपको समझाते है.


कांग्रेस ने ओबीसी और एसटी वर्ग के नेताओं को दी टिकट
दरअसल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट में 30 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम जारी किए है. इसमें 14 एसटी, 3 एससी, 9 ओबीसी, एक अल्पसंख्यक और 3 जनरल वर्ग के नेताओं को टिकट दिया गया है. वहीं 4 महिलों को कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है. खास बात ये है कि कांग्रेस ने आदिवासी समाज के सबसे ज्यादा नेताओं को चुनावी मैदान में उतारा है.


इसमें बस्तर संभाग के 11 एसटी रिजर्व सीट के भी नाम शामिल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर ओबीसी वर्ग के नेताओं के नाम शामिल है. इसमें सबसे बड़ा नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का है. जो छत्तीसगढ़ के साथ ही ओबीसी वर्ग के बड़े नेता माने जाते है.


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एससी एसटी ओबीसी में वर्ग में किसको किसको मिला टिकट
ओबीसी वर्ग में 9 नेताओं को टिकट मिला है. इसमें उमेश पटेल, डॉ चरणदास महंत,भूपेश बघेल, ताम्रध्वज साहू,नीलकंठ चंद्रवंशी, यशोदा वर्मा,गिरीश देवांगन,दलेश्वर साहू, भोलाराम साहू को मिला है.इसके अलावा एसटी वर्ग से 14 नेताओं को टिकट मिली है. इसमें कवासी लखमा, विक्रम मंडावी, चबिंद्र कर्मा,दीपक बैज,लखेश्वर बघेल,चंदन कश्यप, मोहन मरकाम, संत राम नेताम,शंकर ध्रुव, सावित्री मंडावी,रूप सिंह पोटाई, इंद्रशाह मंडावी, अनिला भेड़िया,अमरजीत भगत को टिकट मिला है.जनरल वर्ग से 3 नेताओं को टिकट मिली है. इसमें टी एस सिंहदेव,जयसिंह अग्रवाल और रविंद्र चौबे का नाम है.इसी तरह एससी वर्ग में शिव कुमार डहरिया, गुरुरुद्र कुमार,हर्षिता स्वामी बघेल को टिकट दिया गया है और अल्पसंख्यक वर्ग से मोहम्मद अकबर को टिकट मिला है.


विधानसभा चुनाव में ओबीसी कार्ड कितना अहम
गौरतलब है कि देशभर के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हो रहे है .इसे कांग्रेस और बीजेपी 2024 लोकसभा का सेमीफाइनल मान रही है और दोनों ही पार्टी चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपने अपने मुद्दों पर चुनावी पिच तैयार कर रही है. इसमें बीजेपी महिला आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी अभियान मैदान में उतर रही है और कांग्रेस ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर देशभर में चुनावी मैदान में उतर रही है. कांग्रेस के पहली सूची में भी ओबीसी नेताओं को ज्यादातर टिकट दिया गया है.