Chhattisgarh: UCC लागू होने पर आदिवासियों का क्या होगा? पीएम मोदी के बयान पर सीएम बघेल का पलटवार
UCC in Chhattisgarh: पीएम मोदी के यूसीसी पर दिये गये बयान को लेकर विपक्षी नेताओं में घमासान मचा हुआ है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी उनके बयान पर पलटवार करते हुए सवाल खड़े किये हैं.
Chhattisgarh: देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने को लेकर बहस छिड़ी है, विपक्ष की तरफ से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भी यूसीसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निशान साधा है. सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से पूछा है कि इस कानून के लागू होने के बाद आदिवासियों (Tribals) का क्या होगा? आप सिर्फ हिंदू - मुसलमान ((Hindu- Muslim) के हिसाब से सोचते हैं. क्या सच में यूसीसी के चलते आदिवासियों को अपने पारंपरिक कानून में बदलाव करना पड़ेगा?
छत्तीसगढ़ का एक बड़ा वर्ग यूसीसी लागू किए जाने के खिलाफ है. इसकी मुख्य वजह है कि यहां की अधिकतर आबादी आदिवासियों की है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदाय की है. उस समय की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की 2 करोड़ 55 लाख थी, जिसमें 78 लाख से अधिक की आबादी आदिवासी समुदाय से है. पिछले 12 साल से अधिक समय में यानि 2023 में ये आंकड़ा काफी बढ़ चुका होगा. ऐसे में छत्तीसगढ़ में रहने वाले आदिवासियों के मन में भी ये सवाल उठ रहे हैं कि यूसीसी के लागू होने के बाद उनके रहन- सहन और पारंपरिक कानूनों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. इसको लेकर कुछ दिनों पहले पड़ोसी राज्य झारखंड में भी आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग क इसके विरोध में सड़कों पर उतरा है.
पीएम के बयान पर सीएम बघेल का पलटवार
यूसीसी लागू करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (27 जून) को इसकी जोरदार वकालत की थी. पीएम मोदी ने कहा कि दोहरी कानून व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? उन्होंने अपने बयान में कहा कि संविधान में देश के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का जिक्र है. इसलिए बीजेपी ने तय किया है कि तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति की बजाय संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलेगी. पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
सीएम बघेल ने मंगलावर (27 जून) रायपुर में पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आप हिंदू- मुसलमान के हिसाब से क्यों सोचते हैं? छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की परंपरा का क्या होगा? उन्होंने कहा कि हमें सबकी भावनाओं का ख्याल करना होगा. छत्तीसगढ़ में आदिवासी हैं उनका अपनी रूढ़ी परंपरा के नियम हैं, बहुत सारी जातियों की अपनी परंपरा है. संविधान में भी कहीं ना कहीं उत्तर मान्यता मिलती है. हमको सभी की भावनाओं को देखना होगा.
यूसीसी का आदिवासियों पर कितना प्रभाव पड़ेगा?
यूनिफार्म सिविल कोड से आदिवासियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस मुद्दे पर जनजातीय मामले के जानकार मुरली मनोहर देवांगन से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि इस कानून से आदिवासियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ये ध्यान रखा गया है कि विशेष क्षेत्र को छोड़कर लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44(1-2) के मुताबिक उनके पारंपरिक कानू पहले की तरह लागू होंगे. इसको पेसा एक्ट में भी पहले से शामिल किया गया है, जिसमें ग्रामसभा का फैसला सर्वोच्च होगा.
मुरली मनोहर देवांगन ने बताया कि अनुच्छेद 29 और 30 में जिन लोगों को अल्पसंख्यक के रुप में देखते हैं. उनके कुछ नियमों में बदलाव हो सकता है. ये समझिए की धार्मिक स्तर पर सबको बराबर किया जाएगा. मुस्लिम समुदाय में जो अलग से कानून व्यवस्था है तुरंत खारिज हो जाएगा. मुस्लिम समुदाय में जो अलग से कानून व्यवस्था है. तुरंत खारिज हो जाएगा इसमें प्रमुख रूप से ट्रिपल तलाक को बंद किया जाएगा. इसमें प्रमुख रूप से ट्रिपल तलाक को बंद किया जाएगा.
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