Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh election) के दूसरे चरण के लिए नामांकन (Nomination)दाखिल करने का समय सोमवार (30 अक्टूबर) को समाप्त हो गया है. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP)ने सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है लेकिन इस बीच कई सीटों पर कांग्रेस को बगावत का सामना करना पड़ रह है. इसी में एक सीट रायपुर उत्तर की है, जहां कांग्रेस ने विधायक कुलदीप जुनेजा (Kuldeep Juneja) को फिर से मौका दिया है लेकिन रायपुर नगर निगम में कांग्रेस की तरफ से एमआईसी मेंबर अजित कुकरेजा (Ajit kukreja) ने बगावत कर दी है. पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर नाराज कुकरेजा ने शक्ति प्रदर्शन कर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है. 


दरअसल रायपुर उत्तर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से 15 साल तक जुड़े रहे अजीत कुकरेजा ने पार्टी के फैसले को नकारते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है. नामांकन के पहले घड़ी चौक स्थित छत्तीसगढ़ महतारी का आशीर्वाद लिया. विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में जाकर आशीर्वाद लेकर अपने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया है. इस दौरान तेलीबांधा मरीन ड्राइव से हजारों समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ 3 किलोमीटर पैदल चल कर रायपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे. अब इससे कांग्रेस पार्टी में हलचल तेज हो गई क्योंकि रायपुर उत्तर में कांग्रेस सिटिंग एमएलए कुलदीप जुनेजा को फिर से टिकट दिया है. ऐसे में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.


रायपुर में कांग्रेस का कांग्रेस से ही फाइट


आपको बता दे कि रायपुर उत्तर विधानसभा सीट जिले में अब हाई प्रोफाइल सीट में आ गई है. क्योंकि अबतक कांग्रेस और बीजेपी के बीच फाइट थी लेकिन अजीत कुकरेजा के बगावत के बाद ये फाइट कांग्रेस के भीतर ही शुरू हो गई है. ये इस लिए कहना लाजमी है क्योंकि 15 साल से कांग्रेस पार्टी में जुड़े रहे अजीत कुकरेजा (Ajit Kukreja) ने पार्टी के फैसले नकारते हुए निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है. वहीं अजीत कुकरेजा के बारे में बता दें कि रायपुर नगर निगम के एमआईसी के सदस्य हैं. इससे पहले अजीत कुकरेजा यूपीएससी के तैयारी कर चुके हैं. इसके बाद उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया है.


बीजेपी-कांग्रेस को जनता नहीं कर रही पसंद- कुकरेजा 


अजीत कुकरेजा ने अभी तक कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन नामांकन रैली में कांग्रेस पार्टी का झंडा नहीं था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी भी कुकरेजा के फैसले से नाराज है. वहीं अजीत कुकरेजा ने मीडिया से कहा कि आज मैने और मेरे साथियों ने मिलकर बहुत बड़ा निर्णय ले लिया है.आज यानी 30 अक्टूबर को मैने रायपुर उत्तर विधानसभा के लिए नामांकन दाखिल किया है. माताओं और बहनों के आशीर्वाद से नामांकन दाखिल किया हूं. रायपुर उत्तर के दोनों (कांग्रेस और बीजेपी) प्रत्याशियों को जनता पसंद नहीं कर रही है. एक का जनता काम देख चुकी है इस लिए नाराज है और दूसरे को जनता जानती नहीं है.जनता को विकल्प चाहिए और हम विकल्प बन कर आए है. पार्टी ने हमारी भावनाओं का नकारा और जनता चाहती है की मैं चुनाव लड़ूं. वहीं हजारों समर्थक को लेकर कुकरेजा ने कहा कि ये भीड़ मैंने कमाई है. पैसे में लाई गई भीड़ नहीं है. ये लड़ाई बहुत कठिन है लेकिन हम आखिर दम तक लड़ेंगे.


रायपुर उत्तर सीट में क्या है जातिगत समीकरण 


रायपुर उत्तर विधानसभा में 1 लाख 82 हजार के आस पास मतदाता है. रायपुर सिटी के बड़े बाजार इसी क्षेत्र में आते है. यहां की जातिगत समीकरण की बात करें तो सिंधी समाज, उत्कल समाज, मुस्लिम समाज, सिख समाज, गुजराती समाज के लोग बड़ी संख्या में रहते है. कांग्रेस ने सिख समाज से 2 बार के विधायक कुलदीप जुनेजा को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने सिंधी समाज के श्रीचंद सुंदरानी की टिकट काट कर पुरंधर मिश्रा पर दांव खेला है जो उत्कल समाज पर अच्छी पकड़ रखते है. इसके अलावा सिंधी समाज से आने वाले अजीत कुकरेजा के चुनावी मैदान में उतर जाने से रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है.


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