Manendragarh Chirmiri Bharatpur News: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में दो विधानसभा सभा है. दोनों विधानसभा में प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों ने अभी अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है. लेकिन चुनाव की तारीख नजदीक आते ही नेताओं मे जुबानी जंग तेज हो गई है. टिकट पाने की होड़ में नेता अपने-अपने तरीके से बयान बाजी करके आलाकमान की तरफ अपना ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश में लगे हैं.
अब आलाकमान बयानबाज़ी के आधार पर टिकट करेगा या फिर क्षेत्रों लोकप्रियता के आधार पर. ये तो नहीं कहा जा सकता. पर जिले के भरतपुर-सोनहत मे चुनावी पारा पूरे साहब में हैं. इसी बीच इलाके की पूर्व बीजेपी विधायक और संसदीय सचिव रही चंपा देवी पावले ने मौजूद कांग्रेस के मौजूदा विधायक गुलाब कमरों पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं.
क्या कहा चंपादेवी ने
पूर्व संसदीय सचिव चंपा देवी पावले ने कहा कि सबको पता है गुलाब कमरो कैसा व्यक्ति है. वो फ्रॉड बाज, लोगों को गुमराह करने वाला है. मैंने अपनी स्वेच्छा निधि राशि 10 हजार, 5 हजार. निचले वर्ग के सभी लोगों को देने का प्रयास किया. मुख्यमंत्री, मंत्री से अपने विधानसभा के लोगों को दिलाई थी, लेकिन वर्तमान विधायक गुलाब कमरो है. जो अपने ब्लॉक अध्यक्ष की पत्नी को दिलवा रहे है, अपने परिवार को दिलवा रहे है. यहां तक की दूसरे विधानसभा तक में दिलवाए है. वो भी एक लाख, दो लाख, डेढ़ लाख.
हमने सभी को समानता देते हुए 10 हजार, 5 हजार, 20 हजार ऐसे दिलवाए थे. पहले जब हम गरीबों को शिक्षा के लिए, आर्थिक रूप से कमजोर को मजबूत बनाने के लिए मदद करते थे तो विरोध करता था. मगर आज स्वयं गुलाब कमरो अपने कार्यकर्ता लोगों को स्वेच्छा निधि की राशि दे रहे है. ऐसे में उससे बड़ा धोखेबाज कोई है ही नहीं. हम धोखेबाज है ना फ्रॉड बाज, और हम उनके जैसा बनना भी नहीं चाहते. जिस लिहाज में वे चलते है ऐसी हमारी फितरत ही नहीं है. फ्रॉड का वक्त आने पर जरूर बताएंगे.
विधायक कमरो ने कहा
इस संबंध में विधायक गुलाब कमरो ने कहा कि सबसे पहली बात ये कि बीजेपी के लोग फ्रॉड करते है. इनके छोटे नेता, बड़े नेता या दिल्ली के नेता. कांग्रेस की सरकार ने किसानों का काम लगातार हो रहा है. नौजवानों का भी काम हो रहा है. जीतने आवेदन हमारे पास आते है. सबसे पहले उनको ये मालूम होना चाहिए कि स्वेच्छानुदान किसके पास होता है. स्वेच्छानुदान मुख्यमंत्री के पास होता है. विधायक के पास होता नहीं है. हमारे पास कितने आवेदन आते है. हम सीएम हाउस में जमा कर देते है.
इसके बाद स्वीकृति होती है. मैं फ्रॉड होता तो नागपुर में तहसील, अस्पताल, कॉलेज, धान खरीदी केंद्र नहीं होता. जल जीवन मिशन का करोड़ों रुपए सेंक्शन नहीं होता. उन्होंने (चंपा देवी पावले) पांच साल जनता के साथ रहकर कोई काम नहीं किया, खुद फ्रॉड किया. इसके कारण आज ये स्थिति बनी है.
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