Chhattisgarh Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ का उत्तरी छोर सरगुजा (Surguja) संभाग का इलाका प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है. यहां की 14 विधानसभा सीटें किसी भी दल को सत्ता तक पहुंचाने की चाभी अपने पास रखती हैं. इस संभाग की एक हाईप्रोफाइल सीट प्रतापपुर विधानसभा है. यहां तीन दशक से दो प्रत्याशी ही एक दूसरे के आपने सामने हैं. पहले ये सीट पिलखा विधानसभा में थी, लेकिन पिछले तीन चुनाव से ये सीट अस्तित्व में आई.
फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस (Congress) के डॉ प्रेम साय सिंह विधायक हैं, जिन्होंने बाजेपी (BJP) प्रत्याशी और पूर्व गृहमंत्री को हराया था. सरगुजा संभाग के दो जिले सूरजपुर और बलरामपुर तक फैली प्रतापपुर नाम की इस विधानसभा सीट का उदय 2008 चुनाव में हुआ. उसके बाद 2008-2013-2018 तीन बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव हो चुका है. इस सीट पर हुए तीन चुनावों में एक बार बीजेपी के रामसेवक पैकरा और दो बार कांग्रेस के डॉ प्रेम साय सिंह ने चुनाव जीता है. बात करें हार जीत के अंतर की तो 2008 के पहले चुनाव में कांग्रेस के डॉ प्रेम साय सिंह ने राम सेवक पैकरा को 4 हजार 200 वोटों के अंतर से हराया था.
कांग्रेस की सरकार बनी तो बने शिक्षा मंत्री
इसके बाद 2013 के चुनाव में भी इस सीट पर यही दोनों नेता आपने सामने थे, लेकिन इस बार बीजेपी के रामसेवक ने कांग्रेस के डॉ प्रेम साय को पिछले बार से दोगुने अंतर से हराया. रामसेवक ने इस चुनाव में 8 हजार 100 वोट से जीत दर्ज की. वहीं 2018 जब इस सीट पर तीसरी बार विधानसभा चुनाव हुआ, तो इस बार प्रेम साय ने रामसेवक के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड बना दिया. डॉ प्रेम साय ने रामसेवक को 44 हजार के बड़े अंतर से हरा दिया. 2018 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनीं और उन्हें स्कूल शिक्षा मंत्री बना दिया गया. फिर साढ़े चार साल बाद उनसे मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया.
सिक्सर लगा चुके हैं डॉ प्रेम साय सिंह
प्रतापपुर विधानसभा पहले पिलखा विधानसभा हुआ करती थी. पिलखा मे 1977 में पहला चुनाव हुआ था. उसके बाद 2008 में परिसीमन के बाद पिलखा का अस्तित्व समाप्त हो गया और पिलखा दो भागों में बंट गई. एक सीट भटगांव विधानसभा बनी, जो सामान्य है. दूसरी प्रतापपुर बनी जो आरक्षित है. इस सीट पर भले ही तीन चुनाव हुए हैं, लेकिन पिलखा के जमाने से अब तक कांग्रेस के डॉ प्रेम साय सिंह यहां से छह बार विधायक चुने जा चुके है. डॉ प्रेम साय सिंह ने 1980 में पहला चुनाव जीता था. उसके बाद पिलखा विधानसभा से ही उन्होंने 1985-1993-1998 का चुनाव जीता.
इस सीट पर दो ही विकल्प
इसके बाद जब प्रतापुर अस्तित्व में आई तो यहां हुए चुनाव में 2008-2018 का चुनाव जीतकर डॉ प्रेम साय सिंह ने जीत की सिक्सर लगा दिया. गौरतलब है कि, इस सीट मे हमेशा से बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी ही एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस के डॉ प्रेम साय सिंह और बीजेपी के रामसेवक पैकरा बीते 30 सालों से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते आ रहे हैं.
1993 के चुनाव में दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ पहली बार चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में कांग्रेस के डॉ प्रेम साय सिंह ने चुनाव जीता था. कुल मिलाकर पिछले तीस साल की प्रतिद्वंद्विता में चार बार कांग्रेस के डॉ प्रेम साय ने और दो बार बीजेपी के रामसेवक पैकरा ने जीत दर्ज की है. अब 2023 के चुनाव में दोनों पार्टी के पास इनके विकल्प मिलते हैं या फिर से दोनों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. ये भविष्य के गर्त में है.