Chhattisgarh  Assembly Elections 2023: कोंडागांव (Kondagaon) के विधायक मोहन मरकाम (Mohan Markam) आदिम जाति और अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के मंत्री बनाए जाने के बाद पहली बार  बस्तर (Bastar) पहुंचे. यहां उनका कांग्रेसियों ने  भव्य रूप से स्वागत किया. मोहन मरकाम ने बस्तर के साथ दंतेवाड़ा जिला का भी दौरा किया और यहां मां दंतेश्वरी देवी के दर्शन किए.


साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें आदिवासी  विकास विभाग की बड़ी जिम्मेदारी दी है. ऐसे में वो प्रदेश के 70 फीसदी आबादी वाले आदिवासियों के विकास और उत्थान के लिए पूरा प्रयास करेंगे. वहीं उन्होंने बस्तर संभाग में सर्व आदिवासी समाज के द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान करने के मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है. हालांकि इससे पहले  जरूर उनसे बातचीत की जाएगी और उनकी जो भी समस्या है उन्हें सुनकर उसका समाधान करने का प्रयास किया जाएगा.


मोहन मरकाम का बीजेपी पर पलटवार
इसके अलावा कांग्रेस संगठन में फेरबदल को लेकर बीजेपी के द्वारा किए गए कटाक्ष पर भी मोहन मरकाम ने पलटवार किया. मोहन मरकाम ने कहा कि बीजेपी ने बीते चार सालों में अपने चार प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं. ऐसे में आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी के लोग खुद डरे सहमे हुए हैं और उन्हें अपनी हार की चिंता अभी से सताने लगी है. दरअसल, सर्व आदिवासी समाज के द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस में भी अपने  वोटों को लेकर चिंता सताने लगी है. इस वजह से यह भी माना जा रहा है कि आदिवासी विकास विभाग का मंत्री बनाने के बाद मोहन मरकाम को बस्तर के  रूठे आदिवासी समाज के लोगों को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है.


वहीं बस्तर के राजनीतिकारों  का मानना है कि अगर आदिवासी समाज विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े करती है, तो बस्तर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य  इलाकों में  त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. क्योंकि भानूप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आदिवासी  समाज के प्रत्याशी को आंकलन से ज्यादा वोट प्राप्त हुए थे. ऐसे में चुनाव के बाद से ही सर्व आदिवासी समाज आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयारी कर रहा है.


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