Chhattisgarh Election 2023 News: कांग्रेस ने रविवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 30 प्रत्याशियों का एलान किया. हालांकि इसमें 8 विधायकों के टिकट काटे गए हैं. अब इस पर भूपेश सरकार में मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अहम टिप्पणी की है. साहू ने यह भी संकेत दिए हैं कि आगे आने वाली लिस्ट में भी कुछ विधायकों के नाम काटे जा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची से कई विधायकों के नाम हटाए जाने पर ताम्रध्वज साहू ने कहा- ये निर्णय कमेटी लेती है। हमारी सीईसी, स्क्रीन कमेटी और राज्य चुनाव समिति अपने पास उपलब्ध जानकारी के आधार पर टिकट रद्द करती है और नए लोगों को भी उम्मीदवार बनाया जाता है. आने वाले समय के लिए भी यह संभव है.'
इसके अलावा ताम्रध्वज साहू ने विश्वास जताया कि आगामी चुनाव में कांग्रेस 75 से ज्याद सीटें जीतेगी. साहू ने कहा कि हमारी सरकार और पार्टी उस दिशा में काम कर रही है. अब हम 71 हैं और हमारा सारा काम 'अबकी बार 75 पार' को लेकर हो रहा है.
पुराने नेताओं पर भरोसा जताया
छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए पुराने नेताओं पर भरोसा जताने के साथ ही नये चेहरों को भी मौका देने की कोशिश की है. राज्य में अगले महीने की सात और 17 तारीख को दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को 30 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी, जिसमें 22 मौजूदा विधायकों के नाम भी शामिल हैं. सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री. टी एस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत समेत सभी मंत्रियों को स्थान दिया गया है.
पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज को भी चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने आठ मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है और छह नये चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.
पहली सूची की 30 सीटों में से 14 अनुसूचित जनजाति (एसटी) और तीन अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. अन्य 13 सामान्य सीटों में से नौ पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है.
पार्टी की ओर से जारी सूची के अनुसार, मुख्यमंत्री बघेल अपने वर्तमान विधानसभा क्षेत्र पाटन से ही चुनाव लड़ेंगे, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और उनके रिश्तेदार विजय बघेल उन्हें चुनौती दे रहे हैं.
वहीं, उपमुख्यमंत्री सिंहदेव को भी उनके वर्तमान विधानसभा क्षेत्र अंबिकापुर से उम्मीदवार बनाया गया है. राज्य के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को दुर्ग-ग्रामीण, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को सक्ती और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा मंत्री मोहन मरकाम को कोंडागांव से टिकट दिया गया है.
पार्टी ने चित्रकोट विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक राजमन बेंजाम का टिकट काट दिया है. उनके स्थान पर बस्तर क्षेत्र के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया गया है.
बैज ने चित्रकोट से 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव में विजयी होने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी थी. कांग्रेस उम्मीदवार राजमन बेंजाम ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी.
पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव से उनके खिलाफ कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को चुनाव मैदान में उतारा है. देवांगन मुख्यमंत्री बघेल के करीबी माने जाते हैं.
कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में ही मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों को शामिल किया है. सूची के मुताबिक, मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर से, उमेश पटेल खरसिया से, जयसिंह अग्रवाल कोरबा से, शिवकुमार डहरिया आरंग से, अनिला भेड़िया डौंडी लोहारा से, रविंद्र चौबे साजा से, मोहम्मद अकबर कवर्धा से और कवासी लखमा कोंटा से चुनाव लडेंगे.
आठ मौजूदा विधायकों के टिकट कटे
पार्टी ने मंत्री गुरु रुद्र कुमार को नवागढ़ सीट से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है. गुरु रुद्र कुमार वर्तमान में अहिवारा से विधायक हैं. वह एकमात्र मंत्री हैं, जिनका विधानसभा क्षेत्र बदला गया है.
कांग्रेस ने पहली ही सूची में आठ मौजूदा विधायकों-नवागढ़ से गुरुदयाल सिंह बंजारे, पंडरिया से ममता चंद्राकर, डोंगरगढ़ से भूनेश्वर शोभाराम वर्मा, खुज्जी से छन्नी साहू, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांकेर से शिशुपाल सोरी, चित्रकोट से राजमन बेंजाम और दंतेवाड़ा से देवती कर्मा का टिकट काट दिया है.
पार्टी ने पंडरिया से कवर्धा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नीलकंठ चंद्रवंशी को, डोंगरगढ़ से राजनांदगांव जिला पंचायत की सदस्य हर्षिता स्वामी बघेल को, खुज्जी से पूर्व विधायक भोला राम साहू को, अंतागढ़ से रूप साय पोटाई को, कांकेर से शंकर ध्रुव को और दंतेवाड़ा से विधायक देवती कर्मा एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र के पुत्र छविंद्र कर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
नौ ओबीसी उम्मीदवारों में से तीन साहू समाज से संबंधित
कांग्रेस की पहली सूची में चार महिला उम्मीदवार-मंत्री अनिला भेड़िया, खैरागढ़ की विधायक यशोदा वर्मा, हर्षिता स्वामी बघेल और भानुप्रतापपुर की विधायक सावित्री मंडावी को जगह दी गई है.
पार्टी ने यशोदा वर्मा (खैरागढ़), दलेश्वर साहू (डगोंगरगांव), इंद्रशाह मंडावी (मोहला-मानपुर एसटी), सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर-एसटी), संत राम नेताम (केशकाल-एसटी), चंदन कश्यप (नारायणपुर-एसटी), लखेश्वर बघेल (बस्तर-एसटी), विक्रम मंडावी (बीजापुर-एसटी) और अन्य मौजूदा विधायकों पर फिर से भरोसा जताया है.
सूची में शामिल नौ ओबीसी उम्मीदवारों में से तीन साहू समाज से संबंधित हैं, जो राज्य में एक प्रमुख ओबीसी समुदाय है, जिसने पिछले चुनावों में कांग्रेस की जीत में बड़ा योगदान दिया था.
भारतीय जनता पार्टी ने 85 सीटों पर घोषणा की
कांग्रेस ने जगदलपुर सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यह उन 20 सीटों में से एक है, जहां पहले चरण में सात नवंबर को मतदान होगा. पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 13 अक्टूबर से शुरू हो गई है.
दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होगा, जिसमें बाकी 70 निर्वाचन क्षेत्र शामिल होंगे. वोटों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 85 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें पहले चरण की 20 सीटें भी शामिल हैं.
कांग्रेस ने 2018 के चुनावों में 90 सदस्यीय विधानसभा की 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. वहीं, भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी. राज्य में जेसीसी (जे) और बसपा को क्रमशः पांच और सती सीटें मिली थीं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायकों की मौजूदा संख्या 71 है. पार्टी ने इस बार 75 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. (पीटीआई इनपुट के साथ)