Chhattisgarh Election 2023: कोरिया के इस गांव में हैं केवल 5 मतदाता, वोटिंग के लिए बनाया जाता है अस्थाई मतदान केंद्र
Chhattisgarh Election News: छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रथम विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 भरतपुर-सोनहत का आधा एरिया कोरिया और आधा मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में है.
Chhattisgarh Assembly Elections 2023: अविभाजित कोरिया (Koriya) जिले का एक मतदान केन्द्र आज से करीब 15 वर्ष पूर्व देश भर की सूर्खियों में रहा. वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि प्रशासन ने यहां जंगल के बीच बसे एक परिवार के दो मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र बनाया था. यह मतदान केन्द्र भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-एक के अंतर्गत आता है. तब से लेकर अब तक वह मतदान केन्द्र बनता रहा है. इस बार भी प्रशासन के द्वारा यहां मतदान केन्द्र बनाया गया है, लेकिन इस मतदान केन्द्र में परिवार का कुनबा बढ़ गया है और मतदाताओं की संख्या बढ़कर पांच हो गई है.
भरतपुर-सोनहत विधानसभा में स्थित मतदान केन्द्र जहां मतदाता आधा दर्जन की संख्या में भी नहीं है. जानकारी के अनुसार, भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में तीन मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जहां मतदाताओं की संख्या दो अंक के अंकों को भी नहीं छू पाई है. भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र वनांचल क्षेत्र हैं और यह प्रदेश का सबसे विरल जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है. इस क्षेत्र में ही क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे बड़ा गुरूघासीदास नेशनल पार्क स्थित है, जो सघन वनों से आच्छादित है.
केवल पांच मतदाता
इसके कारण यहां कई गांव ऐसे हैं, जहां तक पहुंचने के लिए सुलभ सड़क मार्ग भी नहीं है. बमुश्किल से ट्रैक्टर के माध्यम से यहां पहुंचा जा सकता है. प्रशासन के द्वारा ऐसे दुर्गम ग्रामीण क्षेत्र में भी मतदान केन्द्र बनाया है, ताकि वहां के मतदाताओं को अपने मताधिकार के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़े. भरतपुर-सोनहत विधानसभा के मतदान केन्द्र शेराडांड में एक ही परिवार के पांच लोग मतदाता के रूप में दर्ज हैं. इन पांच लोगों को वोट देने का अधिकार दिलाने के लिए प्रशासन चार सदस्यीय मतदान दल गठित कर उन्हें यहां मतदान संपन्न कराने के लिए भेजता है.
तीन पुरूष और दो महिला मतदाता
छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रथम विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-1 भरतपुर-सोनहत का आधा एरिया कोरिया और आधा मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में है. यहां का एक मतदान शेराडांड है, जहां सिर्फ पांच मतदाता ही है. जानकारी के अनुसार, मतदान केन्द्र क्रमांक-143 शेराडांड में कुल पांच मतदाताओं में तीन पुरुष और दो महिला मतदाता हैं. यह वही मतदान केन्द्र हैं, जहां आज से लगभग 15 वर्ष पूर्व सिर्फ दो ही मतदाता पति और पत्नी थे, जिनके लिए पहली बार प्रशासन ने मतदान केन्द्र बनाया था. तब यह केन्द्र प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर की सुर्खियों में रहा.
झोपड़ी में मतदान केन्द्र
वहीं अब परिवार का कुनबा बढ़ने के बाद इस परिवार में मतदाताओं की संख्या बढ़कर पांच हो गई है. संभवतः यह प्रदेश का ऐसा मतदान केन्द्र होगा, जहां कि आधा दर्जन मतदाता भी नहीं है. भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मतदान केन्द्र क्रमांक 143 शेराडॉड़ है. यहां एक परिवार जंगल के बीच में निवास करता है. यहां कोई भी शासकीय भवन उपलब्ध नहीं है. जिसके कारण प्रशासन के द्वारा चुनाव कार्य संपन्न कराने के लिए झोपड़ी तैयार कराई जाती है, जिसमें मतदान कार्य संपन्न होता है. यहां तक पहुंचने के लिए मतदान दलों को ट्रैक्टर वाहन से ले जाया जाता है.
कांटो में 12 तो रेवला में 23 मतदाता
भरतपुर-सोनहत विधानसभा अंतर्गत कई मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जहां दो दर्जन भी मतदाता नहीं है. ऐसे ही मतदान केन्द्रों में दो मतदान केन्द्र ऐसे हैं, इनमें एक मतदान केन्द्र में 12 तो दूसरे में सिर्फ 23 मतदाता ही मतदाता सूची में दर्ज हैं. मिली जानकारी के अनुसार, भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्रमांक 139 केन्द्र कांटो जहां सिर्फ 12 मतदाता है. इनमें से सात पुरुष औप पांच महिला मतदाता शामिल है. इसी तरह मतदान केन्द्र क्रमांक 163 रेवला है, जहां कुल मतदाताओं की संख्या 23 है. इसमें 14 पुरुष और नौ महिला मतदाता है.
100 फीसदी होता है मतदान
गौरतलब है कि कांटो और रेवला ऐसे गांव है, जहां सिर्फ ट्रैक्टर से ही मतदान दल बमुश्किल पहुंच सकते हैं. दोनों ही जगह पहुंचने के लिए सड़क सुविधा अब तक नहीं है. ज्ञात हो कि रेवला में चेरवा समाज के लोगों का ही घर बसा है. ये भी बता दें कि भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्रमांक 143 शेराडांड में जब से मतदान केन्द्र बनता रहा है, तब से यहां 100 प्रतिशत मतदान विधानसभा और लोकसभा चुनाव में होते रहा है.
वहीं कोरिया कलेक्टर औरजिला निर्वाचन अधिकारी विनय कुमार लंगेह ने कहा जिले के भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में मतदान केन्द्र क्रमांक 143 शेराडांड में सबसे कम पांच मतदाता हैं. इसी तरह कांटो में 12 और रेवला में 23 मतदाता हैं. मतदान के लिए हमने सभी व्यवस्थाएं कर ली हैं.