Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ की इस सीट पर आज तक नहीं जीत पाई BJP, जानें- यहां का सियासी समीकरण
Chhattisgarh Assembly Elecitons: छत्तीसगढ़ में कई सीटों पर मुकाबला रोचक होने जा रहा है. ऐसा ही सरगुजा की सीतापुर सीट है जहां अब तक बीजेपी के उम्मीदवारों को सफलता हाथ नहीं लगी है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) ज़िले की सीतापुर (Sitapur) विधानसभा सीट आज़ादी के बाद 1951 में अस्तित्व में आई लेकिन तब से लेकर आज तक देश भर के कई राज्यों में अपनी सरकार चलाने वाली बीजेपी यहां से चुनाव नहीं जीत पाई है. इस सीट पर जीत का सपना देखने वाली बीजेपी को हर बार कांग्रेस से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. सरगुजा संभाग में कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित सीट माने जाने वाली सीतापुर विधानसभा में एक दर्जन बार कांग्रेस ने जीत का झंडा गाड़ा है, तो वहीं तीन बार निर्दलीय प्रत्याशी यहां से जीतकर विधानसभा तक पहुंचे हैं. इस सीट के कई रिकॉर्ड और राजनीतिक समीकरण हैं. जो कांग्रेस के लिए सफलता के राज हैं.
आदिवासी उरांव समाज बाहुल्य इस सीट में पहली बार जब 1951 में चुनाव हुआ तब चुनाव में दो निर्दलीय प्रत्याशी चीतू राम और हरिभजन आमने सामने थे. इस चुनाव में चीतूराम को 7 हज़ार 7 सौ 41 वोट मिले थे. जबकि हरिभजन को 9 हज़ार 2 सौ 84 वोट मिले थे. और इस पहले चुनाव को हरिभजन ने 18 सौ वोटों के अंतर से चीतूराम को हरा दिया था. इसके बाद अगले ही चुनाव में कांग्रेस ने पिछली बार निर्दलीय चुनाव जीतने वाले हरिभजन को टिकट दिया और हरिभजन एक बार निर्दलीय और दूसरी बार कांग्रेस के विधायक बनकर विधानसभा तक पहुंचे. रामखिलावन और प्रोफेसर गोपाल राम भी एक-एक बार सीतापुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं.
चार-चार बार के दो रिकार्डधारी विधायक
सरगुजा ज़िले की दो आरक्षित विधानसभा में एक सीतापुर में हमेशा से उरावं समाज का दबदबा रहा है. पिछले चार बार से विधायक भले ही इस विधानसभा के निवासी नहीं हैं लेकिन उराव समाज से आने के कारण जातिगत समीकरण उनके साथ रहता है. मौजूदा विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के अलावा कांग्रेस के ही सुखीराम चार बार चुनाव जीत चुके हैं. 2003 से 2023 तक अमरजीत भगत इस सीट से विधायक हैं. वहीं सुखीराम 1972 से 1985 तक इस सीट से जीतते रहे.
ऐसा रहा है सीतापुर का रिकॉर्ड, ये बनें है विधायक
- 1951 - निर्दलीय, हरिभजन
- 1957 - कांग्रेस, हरिभजन
- 1962 - कांग्रेस, मो़क्षमदन सिंह
- 1967 - कांग्रेस, मोक्षमदन सिंह
- 1972 - कांग्रेस, सुखीराम
- 1977 - कांग्रेस, सुखीराम
- 1980 - कांग्रेस, सुखीराम
- 1985 - कांग्रेस, सुखीराम
- 1990 - निर्दलीय, रामखिलावन
- 1993 - कांग्रेस, सुखदेव राम
- 1998 - निर्दलीय, प्रो. गोपाल राम
- 2003 - कांग्रेस, अमरजीत भगत
- 2008 - कांग्रेस, अमरजीत भगत
- 2013 - कांग्रेस, अमरजीत भगत
- 2018 - कांग्रेस, अमरजीत भगत
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