Chhattisgarh Election 2023: सियासत की चाभी रखने वाले सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा में क्या थे सियासी मुद्दे, BJP क्यों नहीं जीत पाई एक भी सीट
Chhattisgarh Election: छत्तीसगढ़ में पिछले विधानसभा चुनाव में क्या वजह थी कि सरगुजा संभाग की 14 की 14 सीटें कांग्रेस ने जीती और पिछले चार साल से पार्टी सत्ता में काबिज है.
Chhattisgarh Election 2023 News: छत्तीसगढ़ के उत्तर में बसा सरगुजा संभाग सूबे की राजनीति में अपनी विशेष दखल रखता है. 6 ज़िले से बने सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीटें हैं. देखा जाए तो छत्तीसगढ़ के सत्ता की चाबी संभाग के पास है और यहां से किसी पार्टी की जीत ही प्रदेश की सत्ता तय करती है. प्रदेश बनने के बाद सरगुजा हर विधानसभा में सियासी दलों के लिए एक बड़ा वोट बैंक रहा है.
ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि पिछले विधानसभा में क्या वजह थी कि 14 की 14 विधानसभा कांग्रेस ने जीती और पिछले चार साल के छत्तीसगढ़ की सत्ता में क़ाबिज़ है. इसके साथ ये जानना भी ज़रूरी है कि आख़िर 15 साल प्रदेश की सत्ता में क़ाबिज़ बीजेपी आख़िर क्यों एक भी सीट नहीं जीत पाई.
सरगुजा संभाग छत्तीसगढ़ का वो इलाक़ा जो चार प्रदेशों से घिरा है और यहां की सियासत भी तमाम मुद्दों से घिरी रहती है. बात करें 2018 विधानसभा चुनावों की तो यहा पर ऐसे तमाम मुद्दे थे जिनकी वजह कांग्रेस ने यहां की सभी 14 विधानसभा में क़ब्ज़ा कर लिया.
दरअसल चुनाव के वक्त भले ही कांग्रेस की तरफ़ से मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं था पर संभाग मुख्यालय से विधायक और मंत्री टीएस सिंहदेव के सीएम बनने की चर्चा आम हो गई थी. ऐसे में यहां से कांग्रेस को बहुत फ़ायदा हुआ था और सरकार बनने के नारे के साथ कांग्रेस ने सरगुज़ा की सभी सीटें भी फ़तह कर ली.
साथ ही प्रदेश की सत्ता में भी क़ाबिज़ हो गई. दूसरे मुद्दे की बात करें तो वो कांग्रेस का घोषणा पत्र था. जिसमें जनता से तमाम लोक लुभावने वादे किए गए थे. जिसको टी एस सिंहदेव की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने तैयार किया था. तीसरा और सबसे अहम मुद्दा ये था कि कांग्रेस ने सभी विधानसभा सीटों में अच्छे और विपक्ष में रहते हुए जनता के मुद्दे को उठाने वाले नेताओं को प्रत्याशी बनाया था.
सरगुजा संभाग में बीजेपी ने यहा की 14 विधानसभा में प्रत्याशी चयन में जो मनमानी की उसका ख़ामियाज़ा उसे भुगतना पड़ा. बीजेपी आलाकमान और उस जमाने में प्रदेश की राजनीति के सरताज रहे एक नेता ने सभी 14 सीटों में पुराने और जनता की निगाहों में घिसे पिटे नेताओं को प्रत्याशी बना दिया था. जिन्होंने अपनी और पार्टी दोनों की नैया डुबा दी थी.
क्या बीजेपी के पास नहीं था कोई दमदार चुनावी मुद्दा?
इसके अलावा इलाक़े में बीजेपी के पास कोई दमदार चुनावी मुद्दा नहीं था. जिसके बलबूते वो कांग्रेस के क़िले में भेद कर सके. साथ ही 15 साल की एंटी इनकमवेंसी की वजह से भी सरगुजा को सभी सीटों में बीजेपी का सूपड़ा साफ़ कर दिया था. इन सबके मुद्दे से हटकर एक सबसे बड़ा कारण ये भी था कि 15 साल की सरकार में बीजेपी के नेताओं, विधायकों और मंत्री ने ज़मीन छोड़ दी. जिससे यहां के लगभग सभी वर्ग के लोग बदलाव चाहते थे.
2018 के चुनाव के बाद इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसके लिए सभी सीटों में हल्की गर्माहट महशूश की जाने लगी है. लेकिन 2023 का चुनाव भी बीजेपी के लिए उतना आसान नज़र नहीं आ रहा है. हालांकि सिर्फ़ सरगुजा संभाग की 14 सीटों की बात करें. तो विकास के नाम पर ऐसा कोई माइल स्टोन खड़ा नहीं किया है. जिससे कांग्रेस फिर से 14 की 14 सीट जीत सके. क्योंकि बीजेपी के पास पीएम आवास एक सबसे बड़ा मुद्दा है.
क्योंकि पीएम आवास के लिए राज्य सरकार अपना हिस्सा नहीं दे पा रही है और सरकार पर पूरे चार साल तक सरगुजा को पूरी तरह अनदेखा करने का आरोप लगा है.
जबकि इलाक़े से एक नहीं तीन तीन केबिनेट मंत्री भूपेश सरकार में शामिल है. इसके अलावा कांग्रेस के कई विधायक नाराज़ रहे हैं. इतना ही नहीं सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री टी एस सिंहदेव खुद कई बार सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा चुके हैं. लेकिन विपक्षी दल बीजेपी के पास 14 की 14 सीटों में फ़िलहाल कोई दमदार प्रत्याशी नज़र नहीं आ रहा है. पर वो टिकट बंटवारे में कुछ नया प्रयोग करें. तो वो कांग्रेस के टक्कर दे सकती है.
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