Chhattisgarh Election 2023: कांग्रेस से है नाराजगी! टीएस सिंहदेव की बातों से छलका दर्द, BJP में शामिल होने को लेकर दिया ये बयान
Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. मंत्री के ताजा बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का दर्द एक बार फिर से छलका है. सरगुजा पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने दरिमा एयरपोर्ट के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा ''हम लोगों का परिवार 90 वर्षों से कांग्रेस के साथ हर उतार-चढ़ाव की स्थिति में बना रहा. हम महाराजा थे वो राजपाट कांग्रेस ने ले लिया. हमारा उद्देश्य यही रहा कि क्या हम लोगों के हित के लिए जिस संगठन को देख रहे हैं. उसको देखे या अपने हित को देखें. मैंने और मेरे परिवार ने हमेशा से देखा कि कांग्रेस का जो माध्यम है लोगों के लिए काम करने का वो हमें स्वीकार्य रहा.''
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा ''कांग्रेस हमारी देखभाल करती थी हम भी कांग्रेस के नाम पर मिलकर काम करते थे. अभी कुछ दिनों से ऐसा लगता है कि जितना सिर या कंधे पर हाथ होना चाहिए वो महसूस नहीं हो रहा. इसके बावजूद मेरा व्यक्तिगत विचार बीजेपी में सम्मिलित होने का कभी नहीं हो सकता. घर के लोग क्या करेंगे मैं नहीं जानता''
मध्य प्रदेश के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को लेकर कही ये बात
टीएस सिंहदेव ने मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का जिक्र करते हुए कहा कि वो मेरे समधी हैं. मेरे बेटे के ससुर हैं. उनकी बेटी मेरे यहां ब्याही गई है, वो क्या करते हैं मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन मैं बीजेपी के मंच से अपने जीवन काल में प्रचार करता हुआ नहीं दिखूंगा. वहीं उन्होंने आदित्येश्वर शरण सिंहदेव के बीजेपी में शामिल होने या बीजेपी से चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि ये बात उनसे ही पूछनी पड़ेगी.
दरअसल, हाल ही में एमपी सरकार में मंत्री और टीएस सिंहदेव के समधी महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बयान देते हुए कहा था कि कांग्रेस में काबिलियत की कद्र नहीं है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को बीजेपी में शामिल होने का न्योता दिया था. इस बयान पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि वो मेरे समधी है हमारे आत्मीय संबंध हैं जो हमेशा बने रहेंगे. पहले वे कांग्रेस में थे फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में गए. उनसे समय समय पर बात होती रहती है तो वे कहते हैं कि महाराज अभी भी कहां कांग्रेस में हैं देखिए आपके साथ धोखा हो गया. आपको सीएम नहीं बनाया, निर्णय हुआ था जो लागू नहीं हुआ तो ये सभी बातें अपनी जगह है.
मेरा विचार व्यक्तिगत रूप से बीजेपी से मेल नहीं खाता. बीजेपी से वैचारिक मतभेद है कोई दुश्मनी नहीं है. उनके बयान के बाद प्रेम और बढ़ जाएगा क्योंकि उन्होंने ऐसा सोचते हुए अपने राजनीतिक दल में बुलाने का न्यौता दिया. कांग्रेस बीजेपी एक दूसरे के सामने तलवार नहीं चलाते. बीजेपी कांग्रेस के आपस में अच्छे संबंध है ये सामाजिक परिवेश है. राजनीतिक परिवेश पृथक होता है.
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