Chhattisgarh Election 2023: बस्तर में पीएम की सभा के बाद बीजेपी-कांग्रेस में शुरू हुई जुबानी जंग, एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
Chhattisgarh: बीजेपी और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने प्रेस वार्ता की. एक तरफ बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने पीएम की सभा को पूरी तरह से सफल बताया है. वहीं कांग्रेस ने बस्तर बंद को सफल बताया है.
Chhattisgarh Assembly Elections 2023: जगदलपुर (Jagdalpur)शहर में मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) के प्रवास के बाद बस्तर में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress)के बीच राजनीतिक बयान बाजी का दौर तेज हो गया है. बीजेपी के नेता एक तरफ जहां पीएम की सभा को सफल बताने में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता एनएमडीसी के निजीकरण को लेकर बुलाए गए बंद को सफल बता रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप (Kedar Nath Kashyap) ने बुधवार को बीजेपी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री की सभा में लगभग डेढ़ लाख लोग पहुंचे.
उन्होंने कहा "लाख कोशिशों के बावजूद भी कांग्रेस पीएम की सभा में आने वाली जनता को रोक नहीं पाई. केदार कश्यप ने कहा पीएम के सभा को प्रभावित करने के लिए बस्तर बंद का समर्थन कर कांग्रेस ने जो हथकंडा अपनाया था, वह पूरी तरह से फेल साबित हुआ है." वहीं जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने केदार कश्यप के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में बुलाया गया बंद पूरी तरह से सफल रहा और लोगों ने बस्तर के मुद्दे पर अपनी एकजुटता दिखाई. वहीं बीजेपी नेता केदार कश्यप ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पीएम के सरकारी कार्यक्रम में नहीं पहुंचने पर संघीय ढांचे का अपमान करने का आरोप लगाया.
विधायक रेखचंद ने लगया ये आरोप
पीएम ने भी अपने भाषण में भी मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री के नहीं आने का जिक्र किया था. इस मामले में जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि सरकारी लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला. विधायक रेखचंद ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेल मंत्री और इस्पात मंत्री इस लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों को लाना जरूरी नहीं समझा यह पीएम की तानाशाही को उजागर करता है.
बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं ने की प्रेस वार्ता
दरअसल, बुधवार को बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी के बड़े नेताओं ने प्रेस वार्ता की. एक तरफ बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने प्रधानमंत्री की सभा को पूरी तरह से सफल बताया उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बस्तर बंद का समर्थन करने के बावजूद पीएम की सभा में डेढ़ लाख से ज्यादा भीड़ जुटी और प्रधानमंत्री ने 48 मिनट तक भाषण दिया और बस्तर की जनता ने प्रधानमंत्री का अभिवादन भी किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सभा के बाद आने वाले चुनाव में जरूर बीजेपी को फायदा मिलेगा.
केदार कश्यप ने सरकारी तंत्र पर लगया आरोप
उन्होंने कहा "जिस तरह से नगरनार एनएमडीसी स्टील प्लांट को लेकर कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही थी. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये प्लांट बस्तर वासियों का है. इसमें 20 हजार करोड़ और निवेश किया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके. जिस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बंद बुलाया था वह पूरी तरह से विफल रहा. इसके अलावा केदार कश्यप ने सरकारी तंत्र और जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की सभा के दौरान लगातार मैदान में भीड़ जुट रही थी, लेकिन प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी जानबूझकर उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे."
कांग्रेस बोली- बंद रहा सफल
उन्होंने कहा कि कई जगह पर ग्रामीणों के वाहनों को रुकवाया गया. कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी बड़ी संख्या में ग्रामीण पीएम की सभा मे शामिल होने पहुंचे हुए थे. सरकारी तंत्र की पूरी कोशिश थी कि प्रधानमंत्री के सभा को विफल किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका बड़ी संख्या में पीएम के सभा मे भीड़ जुटी. इधर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य और जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि सर्व आदिवासी समाज ने जो बंद बुलाया था उसको कांग्रेस का समर्थन मिलने से बंद पूरी तरह से सफल रहा. व्यापारियों ने बंद का समर्थन कर जता दिया कि एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण के पक्ष में यहां की लोग बिल्कुल नहीं है.
2018 में बस्तर की सभी सीटें हारी थी बीजेपी
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने 48 मिनट तक लालबाग मैदान में भाषण दिया, लेकिन एक बार भी प्लांट के निजीकरण को लेकर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया. ऐसे में साफ होता है कि प्रधानमंत्री इस प्लांट को निजी हाथों में ही सौपना चाहते हैं. बस्तर की जनता को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री जाते-जाते जरूर कहेंगे कि प्लांट का निजीकरण होने नहीं दिया जाएगा, लेकिन इस सभा के बाद जनता में निराशा छाई हुई है. वहीं चुनाव को लेकर सुशील मौर्य ने कहा कि 2018 में भी प्रधानमंत्री ने इसी लाल बाग मैदान में सभा की थी, लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी बस्तर की 12 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट में नहीं जीत पाई और इस बार भी बीजेपी का यही हाल होने वाला है.
वहीं जगदलपुर के विधायक और संसदीय सचिव रेखचंद ने सरकारी आयोजन में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ के मंत्रियों के साथ ही कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के शामिल नहीं होने पर कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए जगदलपुर विधायक और संसदीय सचिव होने के नाते भी उन्हें सरकारी आयोजन के लिए निमंत्रण नहीं दिया गया था. इससे साफ जाहिर होता है कि खुद प्रधानमंत्री और बीजेपी के नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, केबिनेट मंत्री और स्थानीय कांग्रेसी नेताओं से पूरी तरह से डरे हुए हैं.