Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में बस्तर के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बीच तीखी बहस हुई है. कांग्रेस बीजेपी के नेताओं के बीच यह बहस बस्तर ब्रांड को लेकर हो रही है. दोनों नेता अपने-अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों के आधार बस्तर को अपना ब्रांड बताने की कोशिश कर रहे हैं.
दरअसल इसकी शुरुआत 13 अप्रैल को कांग्रेस के 'भरोसे का सम्मेलन' कार्यक्रम से हुई जिसमें प्रियंका वाड्रा के बस्तर को कांग्रेस का ब्रांड बताया था, इसके बाद से दोनों नेताओं में बस्तर को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई.
'रमन सिंह के कार्यकाल में दहशत में थे आदिवासी'
दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद कोई सैलानी बस्तर नहीं जाता था. बाहर के लोगों की बात तो छोड़िए, छत्तीसगढ़ के लोग भी बस्तर जाने से डरते थे, रमन सिंह सरकार ने बस्तर की ऐसी पहचान बना रखी. उन्होंने कहा कि बस्तर में आए दिन IED ब्लास्ट की आवाज पूरे देश में सुनाई देती थी. रमन सिंह के कार्यकाल में आदिवासी दहशत में थे.
सीएम बोले- बस्तर को वापस दिलाई उसकी पुरानी पहचान
इसके साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि तत्कालीन रमन सरकार में फर्जी एनकाउंटर किए. फर्जी एनकाउंटर कराने के तौर पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई लेकिन हमने आदिवासियों को उनकी जमीन लौटाई, लोगों को रोजगार दिए, उनकी स्वास्थ्य और शिक्षा फिर से शुरू कराई. उन्होंने कहा कि रमन सिंह के समय न जॉब कार्ड था, ना आधार कार्ड, रमन सिंह के समय जवानों को राशन पहुंचाने में मशक्कत करनी पड़ती थी.
आज गरीब लोगों के घर में राशन पहुंच रहा है. सीएम ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य के तौर पर बस्तर की जो पहचान थी वह रमन सिंह के समय में खत्म हो गई थी, हमने पुराने दौर को वापस लाने का काम किया.
बस्तर में फिर बढ़ रहा नक्सलियों का आतंक- रमन सिंह
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने बस्तर दौरे में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने बस्तर को पहले से ही ब्रांड होना बताया उन्होंने 13 अप्रैल को जगदलपुर में आयोजित कांग्रेस के भरोसे के सम्मेलन को तमाशा बताया. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि बस्तर में नक्सलियों का आतंक फिर बढ़ता जा रहा है.
बीजेपी के 4 कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई. बस्तर आज नक्सलवाद के चपेट में जकड़ा हुआ है. नक्सली जंगल छोड़ मैदान की तरफ बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव के 6 महीने पहले क्या जरूरी पड़ गई कि कांग्रेस को प्रियंका को दिल्ली से प्लेन में बिठाकर बस्तर लाना लड़ा. इसको समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जो भरोसा साढ़े 4 साल पहले राहुल गांधी ने दिलाया था वो भरोसा टूट चुका है.
बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी की नजर
गौरतलब है कि बस्तर की 12 विधानसभा सीट को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सबसे अहम माना जाता है. वर्तमान में बस्तर की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होना है ऐसे में देखने वाली बात ये होगी बस्तर के आदिवासी इस बार के चुनाव में किसके ब्रांड पर वोट करते हैं.
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