Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक है तो सियासत होना भी लाजमी है.इसी सियासत के बीच इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम काफी चर्चा में हैं. अरविंद नेताम ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर हमको राज पार्टी बना ली है. प्रदेश की तमाम विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान भी कर दिया है. निश्चित तौर पर उनके इस कदम से कांग्रेस के भीतरखाने में खलबली मची है. लेकिन छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष उनकी नई पार्टी और चुनाव लड़ने को लेकर कुछ इस तरह तंज कसते नजर आ रहे हैं.
कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत
महेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला कोरबा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस संसदीय क्षेत्र से विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत सांसद हैं. लिहाजा उनका और उनकी पत्नी का जिले में दौरा लगा रहता है.इस बार विधानसभा अध्यक्ष पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंगे नजर आए. दरअसल इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर आदिवासी नेता अरविंद नेताम कांग्रेस की आंख की किरकिरी बने हुए हैं. क्योंकि आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग की 14 और बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों के साथ ही उन्होंने 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है.इससे प्रदेश में सत्ताधारी दल कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कम ज्यादा नुकसान होने की संभावना है.यही वजह है कि अरविंद नेताम को लेकर चरणदास महंत ने इतनी बड़ी बात कह डाली है.
अरविंद नेताम से उम्मीदें
चरण दास महंत ने कहा है कि अरविंद नेताम दिल से कांग्रेसी रहे हैं. वो इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेसी हैं. वो ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे कांग्रेस का नुकसान हो.इसके अलावा महंत ने अरविंद नेताम पर तंज कसते हुए कहा कि वो अगर एक दो सीट जीत भी जाते हैं तो वो कांग्रेस के साथ आ जाएंगे. गौरतलब है कि अरविंद नेताम इन दिनों प्रदेश भर का दौरा कर कांग्रेस के साथ बीजेपी की पुरानी सरकार पर भी आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं.वो ये भी आरोप लगा रहे है कि दोनों ही सरकारों ने कभी आदिवासी हित के लिए काम नहीं किया.
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