Balrampur-Ramanujganj News: सरगुजा संभाग में इन दिनों शीत लहर का प्रकोप है. लोग ज़बरदस्त ठंड से परेशान हैं. हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में ज़िला प्रशासन ने कुछ दिन पहले एक आदेश जारी किया. जिसमें ज़िले के सरकारी और निजी स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया है, जिससे स्कूल स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ पैरेंट्स ने राहत की सांस ली है. लेकिन कलेक्टर द्वारा इस आदेश के अंत में लिखी एक लाइन ने एक विशेष स्कूल के बच्चों और टीचर्स के अंदर ठिठुरन पैदा कर दी है और सच में ये आदेश ना केवल हैरान कर देने वाला है. बल्कि स्कूल बच्चों को बीमार कर देने वाला भी साबित हो रहा है.
आत्मानंद स्कूल सुविधाओं से लैश, लेकिन ठंड मुसीबत
छत्तीसगढ का अधिकांश इलाका आदिवासी बाहुल है और मध्य छत्तीसगढ का इलाका किसान प्रधान हैं. ऐसे में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की शुरुआत करवाई. जिसमें अन्य सरकारी स्कूल से हटकर गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है.
इन सरकारी स्कूलों में किसी निजी संस्था की तर्ज़ पर स्मार्ट क्लास, लैब, कंप्यूटर कमरा, वाई-फ़ाई कैंपस, लाईब्रेरी, खेल मैदान, संगीत क्लास, गार्डन समेत सभी आधुनिक सुविधा रहती हैं. लेकिन ठंड के मौसम आने के बाद जो संकट टीचर्स और स्टूडेंट के सामने आ रहा है. वो ना केवल बच्चों को बीमार कर रहा है. बल्कि आत्मानंद स्कूल के बच्चों को अन्य सरकारी स्कूलों से सच में एकदम अलग कर रहा है.
ज़िले में हज़ारों स्टूडेंट्स और टीचर्स मुसीबत में
बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले में कुल 17 आत्मानंद स्कूल संचालित हैं. जिसमें 10 अंग्रेज़ी मीडियम और 7 हिंदी मीडियम स्कूल हैं. क्लास वन से क्लास 12 तक संचालित इस स्कूल में प्रति क्लास 40 स्टूडेंट्स के हिसाब से क़रीब 7 हज़ार स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं. क़रीब 300 स्टाफ़ और टीचर्स इनमें बेहतर शिक्षा देने के लिए तैनात किए गए हैं. ख़ैर ठंड का दिन है. कलेक्टर के आदेश ने इन स्कूलों के कई हज़ार स्टूडेंट्स टीचर्स और स्टाफ की मुश्किलें बढ़ा दी है. ऐसे में इस स्कूल से जुड़े तमाम लोग बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इन पर नज़रें इनायत करने वाला कोई नज़र नहीं आ रहा है.
ये है कलेक्टर का आदेश
बलरामपुर जिले में शीतलहर और कड़ाके की ठंड को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है. कलेक्टर विजय दयाराम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश के अनुसार दो पालियों में संचालित होने वाली कक्षाएं प्रथम पाली में सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9:00 बजे से 12:30 बजे तक और शनिवार को दोपहर 12:45 से 4:15 बजे तक लगेंगी. इसी क्रम में द्वितीय पाली में संचालित होने वाली कक्षाएं सोमवार से शुक्रवार तक दोपहर 12:45 बजे से 4:15 बजे तक और शनिवार को सुबह 9:00 बजे से 12:30 बजे तक संचालित होंगी. इसी प्रकार एक पाली में संचालित होने वाली कक्षाएं सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9:45 बजे से 4:00 बजे तक और शनिवार को सुबह 9:00 बजे से 12:30 बजे तक संचालित की जाएंगी.
क्या है कलेक्टर का फरमान
इस आदेश में हैरान करने वाली बात यह है कि ठंड को देखते हुए कलेक्टर ने जिले के स्कूलों के संचालन के समय में जो बदलाव किया है. वह स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय (हिंदी एवं इंग्लिश) दोनों विद्यालय में लागू नहीं होगा.
मतलब कलेक्टर के आदेश से तय हो गया है कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के स्कूल के बच्चे हाड़ कंपा देने वाली ठंड में सुबह-सुबह ही स्कूल जाएंगे. एबीपी न्यूज़ के माध्यम से टीचर्स और स्टूडेंट्स के अभिभावक ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि हम सबसे अलग है. हमें भी ठंड से राहत चाहिए.
एबीपी न्यूज ने जब शासकीय आत्मानंद स्कूल वाड्रफनगर के प्रिंसिपल आरके सिंह से बच्चों को ठंड से हो रही परेशानी से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि समिति का स्कूल है, कलेक्टर अध्यक्ष हैं. तो हम क्या कर सकते हैं. 8 घंटे का सेटप है. चार ही घंटा मिल रहा है. उसको भी कम कर देंगे तो पढ़ाई कैसे हो पाएगी. राजपुर शासकीय आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल विजय कुमार तिर्की ने कहा कि बच्चों और टीचरों में ठंड का प्रभाव तो पड़ रहा है. हालांकि, बच्चों उपस्थिति में कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है.
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) केएल महिलांगे ने कहा कि आत्मानंद स्कूल वाले स्वतंत्र हैं. स्वामी आत्मानंद स्कूल सुबह पाली में है. छोटे बच्चे रहते हैं और 12वीं तक है. स्कूलें दो पालियों में भी लग रही हैं. इसमें प्रिंसिपल आपस में समन्वय करके कर सकते हैं. प्रिंसिपल आपस में तय करके चाहें तो छोटे बच्चों को डे शिफ्ट में कर लें और बड़े बच्चों को प्रथम पाली में कर लें. वहां के प्रिंसिपल 9वीं से 12वीं को सुबह कर सकते है. हम उनको बोले भी हैं.
यह भी पढ़ें: