Chhattisgarh: बस्तर में दम तोड़ रही केंद्र की यह महत्वाकांक्षी योजना, जिले में 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का नहीं बन पाया कार्ड
केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना शुरू हुए 4 साल बीत गए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में अब भी लाखों ग्रामीण ऐसे हैं जिनका कार्ड नहीं बना है. इसकी वजह से वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
Bastar: केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना संबधित अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बस्तर में दम तोड़ रही है. इस योजना को शुरू हुए 4 साल बीत गए हैं, लेकिन अभी भी छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लाखों ग्रामीण आयुष्मान भारत का कार्ड नहीं बन पाने से इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से कई निर्धन परिवारों में बीमार पड़े मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो जा रही है. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को आयुष्मान कार्ड के तहत 5 लाख रुपये तक नि शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन बस्तर संभाग में आयुष्मान भारत का कार्ड बनाने का काम कछुए की गति से चल रहा है. जिसके चलते अभी भी बस्तर जिले में ही फीसदी लोगों का कार्ड अब तक नहीं बन सका है. लिहाजा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
जिले में 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का नहीं बन पाया है कार्ड
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना को शुरू हुए 4 साल बीतने के बाद भी मात्र 50 फीसदी लोगों का ही आयुष्मान भारत का कार्ड बना है. जिले में 4 लाख 82 हजार से अधिक लोगों का कार्ड नहीं बना है. बस्तर जिले में 7 लाख 82 हजार लोगों का इस योजना के तहत कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. बताया जा रहा है कि आयुष्मान भारत कार्ड योजना के तहत बनाए जाने वाले कार्ड पहले जिले के पीएससी से लेकर सीएससी और जिला हॉस्पिटल के साथ ही मेडिकल कॉलेज में बनाए जाते थे . जिसमें लोगों को परेशानी होती थी.
इससे लोगों को निजात दिलाने के लिए अब यह काम लोक सेवा केंद्र के माध्यम से करवाया जा रहा है. जल्द से जल्द कार्ड बनें इसके लिए 200 से अधिक चॉइस सेंटर में कार्ड बनवाए जा रहे हैं, लेकिन 4 साल बाद भी आयुष्मान भारत कार्ड के लाभ से लाखो बस्तरवासी वंचित हैं. बताया यह भी जा रहा है कि आयुष्मान भारत योजना का सर्वर डाउन होने के कारण इन दिनों खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत नए आयुष्मान भारत कार्ड नहीं बन रहे हैं. बीते 2 सप्ताह से इस तरह की परेशानी हो रही है इसे दूर नहीं किया गया है. समय पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने से रोजाना दर्जनों मरीज आयुष्मान भारत कार्ड से ईलाज कराने से वंचित हो रहे हैं. इसमें सबसे अधिक परेशानी गरीब और मध्यम परिवारों को हो रही है.
इन परिवारों को मिलना है आयुष्मान कार्ड का लाभ
दरअसल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को इलाज कराने में किसी प्रकार की परेशानी न हो और आर्थिक परेशानी से जूझना ना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत कार्ड बनाने की योजना 2018 में शुरू की गई है. परिवार की पात्रता के आधार पर क्रियाशील अंत्योदय कार्ड ,प्राथमिक राशन कार्डधारी परिवारों और सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 से चयनित परिवारों को 5 लाख रुपये तक के इलाज के लिए इस कार्ड से सालाना सुविधा मिलती है. लेकिन यह योजना बस्तर जैसे क्षेत्र में दम तोड़ती नजर आ रही है.