Balod News: आपने जानवरों और जीव-जंतुओं से प्रेम के कई किस्से आपने देखे और सुने होंगे. लोग जीवों की सुरक्षा के लिए तरह-तरह की कोशिश करते हैं. कुछ इसी तरह का काम करने वाले शख्श छत्तीसगढ़ के बालोद जले के अंतिम छोर में बसे देवरी गांव के बिसालिक राम हैं. वो अपने काम की वजह से पक्षी प्रेमी के नाम रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.


इस दृश्य ने झकझोर कर रख दिया था बिसालिक राम को
बिसालिक राम वैसे तो पेशे से एक छोटी सी झोपड़ी में होटल संचालित करते हैं. वो होटल संचालन का काम पिछले 35 सालों से करते आ रहे हैं. लगभग 32 साल पहले वर्ष 1991 में कौआ एक चिड़िया को मारकर खा रहा था. उस दृश्य ने बिसालिक को झकझोर कर रख दिया. उसी दिन से उन्होंने फैसला लिया कि भूख के कारण वो एक पक्षी दूसरे पक्षी की जान नहीं लेने देंगे. उन्होंने उस दिन से ही हर रोज पक्षियों को दाना देने की शुरुआत की.


सिटी मारते ही पहुंच जाते हैं सैकड़ों पक्षी
वो रोज सुबह 4 बजे उठकर अपनी पत्नी के साथ अपने होटल पहुंचते हैं. यहां पहले पक्षियों के लिए खस्ता तैयार करते हैं. और जैसे ही सूरज उगने का समय होता है तो खस्ता को टुकड़ों में तोड़ कर सड़क पर बिछा देते हैं. और सीटी बजाते ही सैकड़ों पक्षी खस्ता खाने के लिए वहां पहुंच जाते हैं.


बिसालिक राम की सिटी का इंतजार करते हैं पक्षी
बिसालिक बताते हैं कि उन्होंने 35 सालों में पांच जगहों से अपना होटल बदला. लेकिन खस्ता खाने वाले पक्षियों की संख्या में कमी नहीं हुई. उनकी सीटी की आवाज इतनी तेज है कि आसपास के सैकड़ों पक्षी उनके सीटी की आवाज सुनकर दौड़े चले आते हैं. हर रोज पक्षी उनके सिटी का इंतजार करते रहते हैं. वो जैसे ही सीटी बजाते हैं, तो पक्षियों को जानकारी हो जाती है और वहां खस्ता खाने आ जाते हैं. 


बिसालिक का मानना हैं कि अगर सभी पक्षियों का पेट भरा हो तो वो एक दूसरे को नहीं मारेंगे.  उनके आंगन में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में चील, कौआ, गौरय्या, सलहाई जैसे विभिन्न पक्षी आकर अपना दाना चुकते हैं. इतना ही नहीं अगर कोई गरीब असहाय व्यक्ति भी उनके होटल में पहुंच जाता है, तो बिलकिस राम उसे मुफ्त में नाश्ता भी कराते हैं.


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