Chhattisgarh News: बालोद में गोवा के बीच का मजा! विकसित किया जा रहा है प्रदेश का दूसरा बड़ा पर्यटन स्थल, होंगी ये सुविधाएं
Balod Tandula Dam: तांदुला जलाशय का निर्माण 1912 में अंग्रेज इंजीनियर एडम स्मिथ ने कराया था. वहीं अब बालोद जिला प्रशासन इसे पर्यटन के रुप में विकसित करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है.
Balod News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिला और आसपास के लोगों को बहुत जल्द गोवा के जैसा पर्यटन स्थल मिलने वाला है. बालोद के तांदुला जलाशय में एक विशेष पिकनिक स्पॉट बनाया जा रहा है. जहां पहाड़ियों से घिरा समुद्र के बीच जैसा एहसास देने वाला स्पॉट बनाया जायेगा, इसके आसपास छोटे-छोटे कॉटेज होंगे. यहां पर पर्यटक मोटर बोट और वाटर क्रूज का भी मजा ले सकेंगे.
दरअसल छत्तीसगढ़ का बालोद शहर खूबसूरत वादियों में बसा हुआ है. इस शहर को छत्तीसगढ़ और पूरा देश तांदुला जलाशय के तट पर होने की वजह से भी जानता है. इस जलाशय का इतिहास 100 साल पुराना है. जिसका निर्माण अंग्रेजी शासनकाल के दौरान साल 1912 में अंग्रेज इंजीनियर एडम स्मिथ ने कराया था. जलाशय के निर्माण के बाद शासन- प्रशासन को काफी फायेदा मिला. इसे जीवनदायिनी के नाम से जाना जाता है.
इन सुविधाओं से लैस रखेगा प्रदेश का दूसरा पर्यटन स्थल
इसके जरिये बालोद के अलावा दुर्ग, बेमेतरा, भिलाई जैसे जगहों पर पेयजल और भिलाई इस्पात संयंत्र को जल सप्लाई किया जाता है. सिंचाई का जिम्मा भी इस जलाशय के ऊपर रहता है. 10 साल पहले इसका शताब्दी समारोह मनाया गया था. निर्माण के बाद से सुरक्षा संरक्षण और खूबसूरती को लेकर यह जलाशय उपेक्षा का शिकार रहा. अब बालोद जिला प्रशासन ने इसे रेनोवेट कराने और वैश्विस्तर पर पहचान दिलाने का बीड़ा उठाया है.
तांदुला के एक तट को बेहतरीन रिसोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है. यहां पर बहुत सारे आधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित कॉटेज बनाये जा रहे हैं. इसके अलावा प्राकृतिक तंबू और इनडोर आउटडोर रेस्टोरेंट की स्थापना की जा रही है. निर्माण कार्य का लगभग 80 से 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. आगामी सितंबर माह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इसका उद्घाटन कर सकते हैं.
तांदुला जलाशय का इतिहास
ये बांध परियोजना 1912 में तांदूला और सूखा नाला नदियों के संगम से हुआ था. बांध 827.2 वर्ग किलोमीटर (319.4 वर्ग मील) के जलग्रहण क्षेत्र में पानी से घिरा हुआ है. जलाशय की सकल भंडारण क्षमता 312.25 मिलियन क्यूबिक मीटर है और उच्चतम बाढ़ का स्तर 333.415 मीटर (10 हजार 983.88 फीट) है. तांदूला बांध तीन ओर से पहाड़ियो से घिरा हुआ है. वहीं नव निर्मित परियोजना का काम पूरा हो जाने के बाद इसकी खूबसूरती और बढ़ जाएगी. देशी और विदेशी पर्यटक यहां जलाशय में हिलोरे मारते लहरों के बीच नावों की सवारी का लुत्फ उठा सकेंगे.
गोवा की तर्ज पर विकसित किया जा रहा जलाशय
जिला प्रशासन की माने तो तांदुला जलाशय इको पार्क में गोवा के तर्ज पर कई सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. इस निर्माण कार्य के लिए और इसके संचालन के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जल्द से जल्द काम को पूरा कराया जा रहा है. यहां पार्किंग से लेकर हजारों लोगों के घूमने की व्यवस्था है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस इको पार्क का उद्घाटन करने जल्द ही बालोद पहुंचेंगे. छत्तीसगढ़ में गंगरेल जलाशय के बाद तांदुला जलाशय अपने आप में एक स्वतंत्र और विशाल पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित होने वाला दूसरा बड़ा जलाशय है.
बालोद कलेक्टर ने क्या कहा?
बालोद कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि तांदुला जलाशय को पर्यटन के रूप में विकसित करने का काम तेजी से किया जा रहा है. वहां पर इको पार्क, ईको फ्रेन्डली पार्क, फूड गार्डन, प्लेग्राउण्ड, रेस्टोरेंट, बोटिंग की सुविधा, पाथवे निर्माण, वॉच टावर, हाईमास्ट और सोलर लाईट लगाने के कार्य, कॉटेज का निर्माण किया जा रहा है. यहां आने वाले पर्यटकों को बेहतर से बेहतर सुविधा और परिवेश देने की कोशिश की जाएगी.
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