Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में चलगली थाना क्षेत्र के मानपुर में 12 से 13 जनवरी की दरम्यानी रात कट्टे की नोक पर हुए डकैती के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से 5000 रुपये नगद और दो 315 बोर की बंदूक, 1 डंडा, एक कुल्हाड़ी बरामद किया गया है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में से दो आरोपी पूर्व नक्सली है. नक्सलियों की तर्ज पर ही अपना एक दस्ता वसूली के उद्देश्य से बना रहे थे. मामले में शामिल दो पूर्व नक्सली अभी भी फरार हैं.


पकड़नें के लिए बनी थीं कई टीमें
13 जनवरी 2022 को चलगली पुलिस को सूचना मिली थी. ग्राम मानपुर निवासी शिक्षक कमलेश गुप्ता के घर पर 12 जनवरी की रात 8 से 10 अज्ञात नकाबपोश बंदूक धारी व्यक्तियों द्वारा जान से मारने की धमकी देते हुए बंधक बनाकर सोने-चांदी के जेवरात समेत 2 लाख 20 हजार की डकैती की घटना को अंजाम दिया गया है. इस घटना के बाद क्षेत्र में हड़कम्प मच गया था. जिले के आला पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और आरोपियों की धर-पकड़ के लिए एडिशनल एसपी सुशील नायक, एडिशनल एसपी (ऑप्श) प्रशांत कतलम, एसडीओपी वाड्रफनगर अनिल विश्वकर्मा, एसडीओपी रामानुजगंज एन. के.सूर्यवंशी, डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र खूंटे के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गई थी.


कैसे पकड़े गए
बलरामपुर एसपी रामकृष्ण साहू के मुताबिक पुलिस की टीमें आरोपियों को पकड़ने की कवायद में जुटी थीं. इसी बीच पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र के गोवर्धन पहाड़ी में 8 से 10 लोग मौजूद है. जिसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इन लोगों से पूछताछ की. इन लोगों ने डकैती की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया. 


दो आरोपी फरार
पुलिस ने मामले का खुलासा करने के दौरान बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में सभी का क्राइम का रिकार्ड है. इन सभी की मुलाकात जेल में हुई थी. जेल से छूटने के बाद पूर्व नक्सली प्रवीण खेस उर्फ नेपाली के कहने पर नक्सलियों की तर्ज पर लोगों से लेवी वसूलने के लिए अपना दस्ता तैयार कर रहे थे. एसपी रामकृष्ण साहू ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपी प्रवीण खेस उर्फ नेपाली पूर्व नक्सली है. वह पूर्व में जेजेएमपी नक्सली संगठन का एरिया कमांडर रह चुका है. इससे पहले भी कई मामलों में जेल में रहा है. इस मामले में सुंदरलाल साहू भी पूर्व नक्सली हैं. इसके अलावा मामले में फरार दो आरोपी भी पूर्व नक्सली हैं. 


बता दें कि लगभग एक दशक तक नक्सली दंश झेलने के बाद बलरामपुर जिले की स्थिति सुधरने लगी थी. लेकिन अचानक पूर्व नक्सलियों का संगठन एक बार फिर माओवाद के रूप में सक्रिय होने लगा था. हालांकि पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है.


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