Balrampur News: सीएम बघेल से शिकायत के बाद तहसीलदार के खिलाफ शुरू हुई जांच, तीन सालों से राजपुर में पदस्थ
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से समरी विधानसभा प्रवास पर बलरामपुर जिले के राजपुर में पदस्थ तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी. जिसके बाद इस मामले की जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर में पदस्थ तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत सामरी विधानसभा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की गई थी. अब इस मामले की जांच के लिए प्रशासन जुट गया है लेकिन सवाल उठ रहा है कि बगैर तहसीलदार को राजपुर से हटाए निष्पक्ष जांच कैसे संभव है. दरअसल, तहसीलदार सुरेश राय पिछले तीन वर्षों से राजपुर में पदस्थ है. बीते वर्ष तहसीलदार सुरेश राय का तत्कालीन कलेक्टर ने राजपुर से वाड्रफनगर स्थानांतरण किया था. तब तहसीलदार अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते अपना स्थानांतरण रुकवाने में कामयाब रहे लेकिन तहसीलदार के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान केंद्रित नहीं हुआ.
नगर पंचायत अध्यक्ष ने खोला मोर्चा
गौरतलब है कि तहसीलदार सुरेश राय के खिलाफ अब राजपुर नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा ने कार्रवाई के लिए मोर्चा खोल दिया है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से लेकर मुख्यमंत्री और कलेक्टर जनदर्शन में भी तहसीलदार की शिकायत की गई है. नगर पंचायत अध्यक्ष सहदेव लकड़ा ने तहसीलदार के खिलाफ की गई शिकायत के पुख्ता प्रमाण मौजूद होने का दावा किया है.
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शिकायतों की लंबी लिस्ट
सामरी विधानसभा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए गए शिकायत में तहसीलदार द्वारा जाति, निवास प्रमाण पत्रों के नाम पर अवैध वसूली, पैसे लेकर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करना, भूमि की विक्रय हेतु मैनुअल तरीके से नकल जारी नहीं किया जाना, भूमि क्रय विक्रय पंजीयन के दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण के लिए पैसों की वसूली, मुख्यालय में निवास न करना, तहसील कार्यालय में ग्रंथपाल पद पर पदस्थ कर्मचारी को अटैच कर उक्त कर्मचारी से वसूली कराना, तहसीलदार के सह पर अवैध तरीके से निजी क्लिनिक का संचालन कराना, स्टॉक सत्यापन के नाम पर राइस मिलरों से पैसों की वसूली करना तथा पैसों का लेन देन कर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कराना जैसे गंभीर शिकायतें शामिल है.
इस मामले में कलेक्टर ने क्या कहा?
इस संबंध ने कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. इस तरह की बात पर यदि सत्यता पाई जाती है तो तहसीलदार पर कार्रवाई होगी. अभी फॉर्मल और इनफॉर्मल दोनों तरीके से जांच कराई जा रही है. अगर गलत पाया जाता है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी.
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