(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: घूमने के लिए छत्तीसगढ़ की यह जगह है बेहद खास, जानें रामायणकाल से जुड़ी रहस्यमयी कहानी
ठंड के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित तातापानी पिकनिक स्पॉट और धार्मिक केंद्र को काफी पसंद किया जा रहा है. जानें रामायणकाल से जुड़ी है यहां की रहस्यमयी ये कहानी
सर्दी का मौसम शुरू होते ही सैर सपाटे का दौर शुरू हो चुका है. फैमिली हो या दोस्त सब इस कड़कड़ाती मौसम में घूमने फिरने का प्लान बनाने में लग गए हैं. पर्यटन स्थल, प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में भारी संख्या में लोगों का आना जाना शुरू हो चुका है. ऐसे में इस ठंड के मौसम में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में स्थित तातापानी पिकनिक स्पॉट और धार्मिक केंद्र को काफी पसंद किया जा रहा है. क्योंकि इस जगह पर बेहद रोचक और रहस्यमयी चीजे देखने को मिलती हैं.
यहां जमीन के भीतर से गर्म पानी निकलता है. इस खबर में हम आपको तातापानी के बारे में बताएंगे.जहां की कहानी बेहद रोचक और दिलचस्प है. दरअसल, बलरामपुर जिले में एक ऐसी जगह है जहां जमीन के अंदर से पानी तो निकल रहा है, लेकिन गर्म. इसी खासियत की वजह से तातापानी देशभर में प्रसिद्ध है. जिसे देखने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग बलरामपुर पहुंचते हैं. यहां भगवान शिव की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है और प्रतिमा के नीचे मंदिर है.
तातापानी बलरामपुर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. जिसे तातापानी के नाम से जाना जाता है. स्थानीय भाषा में ताता का मतलब गर्म होता है. तातापानी में एक कुंड के जमीन के अंदर से गर्म पानी निकलता है. इसलिए इस जगह का नाम तातापानी पड़ा.
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने खेल खेल में माता सीता की ओर एक पत्थर फेंका जो माता सीता के हाथ में रखे गर्म तेल के कटोरे से जा टकराया और गर्म तेल छलक कर धरती पर गिरा. जहां जहां तेल की बूंदे पड़ीं वहां से गर्म पानी धरती से फुटकर निकलने लगा. इसलिए स्थानीय लोग यहां की धरती को पवित्र मानते हैं.
तातापानी में धरती से निकलने वाले जल स्त्रोत को लेकर यह भी मान्यता है कि यहां के गर्म पानी से स्नान करने से शरीर के सभी त्वचा संबंधित रोग खत्म हो जाते हैं. वहीं इस अद्भुत बात को सुनकर लोग यहां पहुंचते हैं और कुंड से निकलते गर्म पानी से नहाते हैं.
कहा जाता है कि तातापानी में जो शिव मंदिर है उसमें लगभग 400 साल पुरानी मूर्ति स्थापित है.जिसकी पूजा करने के लिए सालभर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है. यहां घूमने के लिए हर समय उपयुक्त है. सर्दियों के मौसम में गर्म जगह की तलाश कर रहे लोगों के लिए यह जगह काफी उपयुक्त है.
यही वजह है कि सर्दी के मौसम में यहां पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी रहती है. जिला प्रशासन द्वारा तातापानी में हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर तातापानी महोत्सव और मेले का आयोजन किया जाता है. इसका लुफ्त उठाने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. फिलहाल, कोविड-19 की वजह से पिछले दो साल से तातापानी महोत्सव का आयोजन नहीं किया जा सका है.लेकिन 2023 में महोत्सव आयोजन को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है.
तातापानी महोत्सव के दौरान विशाल मेला आयोजित किया जाता है. जिसमें पर्यटक झूलों, मीना बाजार व अन्य दुकानों का मजा ले सकते हैं. यह जगह सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से 78 किलोमीटर दूर है. यहां कार, बाइक, बस और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट से आसानी से पहुंचा जा सकता है. तातापानी जगह से निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर और बिरसा मुंडा हवाई अड्डा रांची झारखंड है.
वहीं निकटतम रेलवे स्टेशन गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन 72 किलोमीटर और अम्बिकापुर रेलवे स्टेशन 92 किलोमीटर है. इस जगह पर ठंड के मौसम में अच्छा समय व्यक्ति किया जा सकता है, क्योंकि गर्म जलस्रोत की वजह से यहां का वातावरण ठंड के मौसम में गर्माहट का एहसास दिलाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां जमीन में सल्फर की मात्रा अत्यधिक है. इसी वजह से यहां का पानी गर्म हो जाता है, यहां के पानी में भी सल्फर की गंध आती है.
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