Balrampur-Ramanujganj News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के दो महिला पटवारी इन दिनों एक एसडीएम से परेशान हैं. एसडीएम द्वारा महिला कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है. इसकी शिकायत पटवारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, संभागायुक्त और राजस्व पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष की है. पटवारियों ने महिला कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने वाले एसडीएम को दूसरे जिले में ट्रांसफर करने और उनके कृत्यों का पर्दाफाश करने के लिए उच्च स्तरीय जांच दल गठित कर जांच कराए जाने की मांग की है. इसके साथ ही एक महिला पटवारी ने एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में एसडीएम कार्यालय राजपुर के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है.


दरअसल, जिले के राजपुर तहसील क्षेत्र में पदस्थ पटवारी बीना भगत और अनुमति पैकरा ने कलेक्टर, एसपी, संभागायुक्त, आईजी, ईओडब्ल्यू, महिला आयोग सहित कई जगहों पर राजपुर एसडीएम शशि चौधरी के खिलाफ शिकायत दी है. शिकायत में बताया है कि एसडीएम शशि चौधरी द्वारा 11 जुलाई 2022 को राजपुर एसडीएम का पदभार ग्रहण किया गया और पदभार ग्रहण करने के पहले ही दिन देर रात तक महिला पटवारियों का बैठक लिया और पहले बैठक में ही महिला पटवारियों के साथ अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया गया. 


राजपुर में पदस्थ पटवारी बीना भगत ने लगाए ये आरोप 


तहसील कार्यालय राजपुर में पदस्थ पटवारी बीना भगत ने आरोप लगाया है कि एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अपने मंशा अनुसार न्यायालयीन प्रकरणों में अपने व्यक्तिगत हितों की पूर्ति के लिए किसी व्यक्ति विशेष पक्षकार को अनुचित लाभ दिलाने के लिए गलत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए बार-बार दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन एसडीएम के मंशा अनुसार न्यायालयीन प्रकरणों में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर अपने समीक्षा बैठक में अभद्रता पूर्वक अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कार्यालय में संलग्न करने के लिए धमकी दी गई. यह भी कहा गया कि कलेक्टर मेरे इशारे पर काम करते हैं. मैं जो चाहूंगा वह कर दूंगा.


पटवारी बीना भगत का आरोप है कि, एसडीएम शशि चौधरी द्वारा कार्यालय कलेक्टर (भू अभिलेख) बलरामपुर से सर्वे कार्य करने के लिए आदेशित किया गया और सर्वे कार्य करने के लिए आदेशित सभी राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को बुलाकर कहा गया कि तुम लोगों का सर्वे में ड्यूटी लगवा दिया हूं. तुम लोग सर्वे का कार्य करो. बीना भगत ने बताया है कि उनके द्वारा सर्वे कार्य में आने वाले परेशानियों से एसडीएम को मौखिक रूप से अवगत कराया गया कि वर्तमान में बरसात का मौसम है और सभी भूमि पर कृषकों द्वारा फसल लगा दिया गया है और फसल खड़ा है.


एसडीएम के खिलाफ लगाये गाली गलौज करने के आरोप


जिससे वर्तमान में सर्वे कार्य किया जाना संभव नहीं है. तब बीना भगत द्वारा कहा गया कि, मुझे तथा सर्वे कार्य करने के लिए आदेशित राजस्व निरीक्षक एवं अन्य पटवारियों को भी सर्वे का अनुभव नहीं होने के कारण एक अनुभवी अधिकारी कर्मचारी के मार्गदर्शन में सर्वे का कार्य कराने के लिए निवेदन किया गया. तब एसडीएम शशि चौधरी द्वारा अभद्रता पूर्वक गाली गलौज करते हुए कहा गया कि, मैं कुछ नहीं जानता हूं. तुम लोग चाहे जैसे काम करना है, वैसे करो. मुझे प्रतिदिन का दैनिक प्रगति रिपोर्ट शाम तक चाहिए. इस प्रकार से प्रताड़ना प्रारंभ कर दिया गया और उसे व्यक्तिगत रूप से बेवजह प्रताड़ित किया जाने लगा.


महिला पटवारी ने कहा- मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित


बीना भगत ने आरोप लगाया है कि, जब वह गांव में सर्वे के लिए उपस्थित होती थी तब उसे फोन कर कार्यालय बुलाया जाता था और कहा जाता था कि तत्काल पहुंचों अन्यथा तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई कर दूंगा. इसके साथ ही पीड़ित पटवारी भगत का यह भी आरोप है कि एसडीएम शशि चौधरी द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों के पक्षकारों को पैसे लेन देन के लिए चर्चा करने के लिए कहा जाता है और बड़ी रकम उगाही करने के लिए कहा जाता है तथा पक्षकारों से चर्चा करने एवं बड़ी रकम लेने के लिए मना करने पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. 


इसके अलावा अनुमति पैकरा नाम की महिला पटवारी ने भी एसडीएम शशि चौधरी पर प्रताड़ित करने का आरोपी लगाया है. अनुमति पैकरा ने जिला और संभाग के अधिकारियों को सौंपे शिकायत में बताया है कि, एसडीएम द्वारा यह कह कर प्रताड़ित किया जा रहा था कि तुम अम्बिकापुर के नजदीक हल्के में हो और काम नहीं करते हो. तुमको मेरे अनुसार काम करना पड़ेगा. मैं तुम्हे तोनी भेंडरी भेज दूंगा, फिर वहीं रहना. इस बात को लगातार कह कहकर मानसिक रूप से लगातार अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रताड़ित किया जाने लगा.


तब पटवारी अनुमति द्वारा कहा गया कि, उतना दूर हल्के में मत भेजिए, यदि हटाना ही है तो आसपास के किसी भी हल्के में दे दीजिए. मैं एक महिला कर्मचारी हूं और मुझे आने जाने में एवं दूर ड्यूटी करने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. तब एसडीएम द्वारा मौके का फायदा एवं मजबूरी का फायदा उठाते हुए उससे 50 हजार रुपए का मांग की गई. तब अनुमति पैकरा द्वारा 40 हजार रुपए किसी प्रकार से व्यवस्था कर दे दिया गया. इसके 15 दिन बाद फिर एसडीएम द्वारा पटवारी को प्रताड़ित किया जाने लगा. 


राजपुर एसडीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी 


महिला पटवारियों ने आरोप लगाया है कि राजपुर एसडीएम शशि चौधरी का व्यवहार महिलाओं के प्रति अच्छा नहीं है. एसडीएम द्वारा यह भी कहा जाता है कि मैं चाहे दिन में बुलाऊं या फिर रात में 12:00 बजे, तुम लोगों को आना पड़ेगा, जो कहूंगा वो करना पड़ेगा, अन्यथा नौकरी छोड़ दो. पटवारी अनुमति पैकरा ने एसडीएम शशि चौधरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में राजपुर एसडीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी है. इस मामले को लेकर एबीपी न्यूज ने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक से चर्चा की तो उन्होंने शिकायत पत्र उनके पास नहीं पहुंचने की बात कही. उन्होंने कहा कि, शिकायत पहुंचती है तो एक्शन लिया जाएगा.


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