Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में इन दिनों राजनीति गरमाई हुई है. राजधानी रायपुर के बाद बस्तर में भाजपाइयों के खिलाफ पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर बीजेपी जमकर हंगामा कर रही है. मंगलवार सुबह नगर बंद कराने निकले लगभग 100 भाजपाइयों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. हिरासत में लिए गए बीजेपी नेताओं में पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक संतोष बाफना, बैदुराम कश्यप समेत प्रदेश महामंत्री, बीजेपी जिलाअध्यक्ष, बस्तर बीजेपी के पदाधिकारी हैं. बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया है और इन्हें शहर के अलग-अलग 3 थानों में नजरबंद कर रखा गया है.


पार्षद पर कार्रवाई की मांग
दरअसल बीजेपी ने संजय गांधी वार्ड के कांग्रेसी पार्षद कोमल सेना के द्वारा अपने ही वार्ड के लगभग 40 परिवारों से पीएम आवास का लाभ देने के नाम पर 25-25 हजार रुपये कमीशन   लेने का आरोप लगाया है. बीते 21 दिनों से पीड़ितों के साथ बीजेपी शहर के बोध घाट थाना के सामने कांग्रेसी पार्षद पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रही है. 


बीजेपी का शहर बंद का आह्वान 
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेसी पार्षद पर आरोप सिद्ध होने के बावजूद भी पुलिस कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के दबाव पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, ना ही पार्षद पर एफआईआर दर्ज किया गया है और ना ही पीड़ितों की रकम वापस की गई है. इसे लेकर मंगलवार को बीजेपी ने नगर बंद बुलाया था. सुबह से नगर बंद कराने निकले सभी भाजपाइयों को पुलिस शहर के अलग अलग इलाकों से बलपूर्वक थाने ले गयी.


बीजेपी नेता ने क्या कहा
बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर पीड़ितों के साथ अन्याय कर रही है. खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपने बस्तर प्रवास के दौरान इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही थी. बावजूद इसके आज मामले के 21 दिन बीतने के बाद भी ना ही जांच शुरू की गई है और ना ही कांग्रेसी पार्षद पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. उल्टे लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने पर बस्तर पुलिस बीजेपी के लोगों पर अत्याचार कर रही है और कार्यकर्ताओं से बदसलूकी भी की जा रही है. 


बंद का खास असर नहीं
गौरतलब है कि पार्षद के कमीशन खोरी के मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर बीजेपी ने बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स से भी बंद को सफल बनाने के लिए समर्थन मांगा था. बावजूद इसके बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने समर्थन देने से इंकार कर दिया. हालांकि मुख्य मार्ग व्यापारी संघ ने इस बंद को समर्थन देने की बात जरूर कही थी लेकिन सुबह से भाजपाइयों की हो रही गिरफ्तारी के बाद नगर बंद का कोई असर शहर में दिखाई नहीं दे रहा है.


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