Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरित आदिवासी परिवार और मूल धर्म के आदिवासियों के बीच लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. आए दिन पुरे बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में धर्मांतरण को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. आपसी विवाद के साथ मारपीट तक की नौबत आ रही है. बुधवार (13 सितंबर) को बस्तर जिले के दरभा थाना क्षेत्र के धुंमागुड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर एक बार फिर धर्मांतरित परिवार और मूल धर्म के आदिवासियों के बीच जमकर हंगामा हुआ. दोनों पक्षों मे धक्का मुक्की की नौबत आ गई.
दरभा थाना पुलिस को जानकारी लगने के बाद बड़ी संख्या में गांव में पुलिस बल तैनात कर दोनों पक्षों को शांत कराया गया. दरअसल मूल धर्म के आदिवासियों का कहना है कि धर्मांतरित परिवार में किसी भी सदस्य की मौत होने पर शव को गांव में दफनाने नहीं दिया जाएगा, जब तक धर्मान्तरित परिवार मूल धर्म में वापसी नहीं कर लेता, तब तक इस तरह के विवाद होते ही रहेंगे. इधर बुधवार को गांव में प्रशासन की टीम और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची और काफी समझाने के बाद और धर्मांतरित परिवार के मूल धर्म में वापसी के बाद शव को गांव के श्मशान घाट में दफनाने दिया गया.
धर्मान्तरित परिवार ने मूल धर्म में की वापसी
बस्तर पुलिस के केशलूर एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर ने जानकारी देते हुए बताया कि दरभा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धूमागुड़ा गांव में 38 साल की एक महिला की मौत हो गई. महिला काफी दिन से बीमार चल रही थी और मंगलवार (12 सितंबर) की देर रात उसकी मौत हो गई , जिसके बाद बुधवार सुबह महिला के शव को परिवार के लोगों के द्वारा श्मशान घाट में दफनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन इसकी जानकारी गांव वाले को लग गई और गांव वालों ने इसका जमकर विरोध किया. इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति पैदा हो गई .
धर्मांतरित परिवार ने वापस अपने धर्म में लौटने का फैसला लिया
विवाद इतना बढ़ा कि तुरंत बड़ी संख्या में पुलिस बल को गांव में तैनात किया गया, उसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई, मौके पर पहुंचे दरभा तहसीलदार और पुलिस के अधिकारियों ने मूल धर्म के आदिवासी ग्रामीणों को काफी देर तक समझाया फिर भी मामला शांत नहीं होते देख धर्मांतरित परिवार ने वापस अपने धर्म में लौटने का फैसला लिया. इसके लिए बकायदा पंचायत में बैठक की गई और धर्मांतरित परिवार के मूल धर्म (हिन्दू धर्म) मे वापसी के बाद ही शव को गांव के श्मशान घाट में दफनाने दिया गया. एसडीओपी ऐश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि दोनों पक्षों में केवल धक्का मुक्की हुई, ऐसे में किसी को चोट नहीं आई है, इस मामले में किसी की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, हालांकि अब मामला शांत हो गया है और गांव में सामान्य स्थिति है.
बस्तर में धर्मांतरण को लेकर लगातार बढ़ रहा विवाद
इधर बस्तर संभाग में हर रोज इस तरह के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक भी धर्मांतरण का मामला नहीं होने की बात कह रहे है, वहीं दूसरी तरफ लगातार बीजेपी के नेता बस्तर के गांव गांव में धर्मांतरण की वजह से कर्फ्यू जैसे हालात बनने की बात कह रहे हैं, लेकिन खासकर बस्तर जिले में हर रोज धर्मांतरण को लेकर बढ़ते विवाद के बीच पुलिस प्रशासन गांव गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर रही है, ताकि धर्मांतरण का मामला हिंसक रूप ना ले ले.
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