Chhattisgarh Farmer News: छत्तीसगढ़ के  बस्तर संभाग  सहित अन्य जिलों  में भी समर्थन मूल्य पर  1 नवंबर से धान  खरीदी शुरू हो गई है.  विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद किसान अब अपना धान बीजेपी के घोषणा अनुसार प्रति क्विंटल  3100 रुपए के समर्थन मूल्य पर बेच रहे हैं, किसानों से धान की खरीदी के लिए बस्तर संभाग में सहकारी समिति के द्वारा 238 सहकारी समितियां  बनाई गई है. और इन सहकारी समिति के अंतर्गत 382 धान उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. जिसमें धान की ख़रीदी की जा रही है.



छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के साथ ही किसान बड़ी संख्या में धान बेचने इन केंद्रों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन कुछ  किसानों का कहना है कि उनसे 17 से 18 क्विंटल धान ही खरीदी जा रही है, जबकि निगम के मुताबिक एक किसान 20 क्विंटल तक धान बेच सकता है, वहीं धान खरीदी केन्द्रों में बैठे लैम्प्स प्रबंधक इसे शासन का आदेश और  जिला प्रशासन के अधिकारियों का आदेश बता रहे हैं. किसानों से लगभग 2 से 3 क्विंटल कम धान खरीदने से किसान बाकी बचे धान के लिए काफी चिंतित नजर आ रहे हैं और सरकार से पूरा 20 क्विंटल धान खरीदी करने की मांग कर रहे है.

उपार्जन केंद्रों में कम धान खरीदने से किसान हो रहे परेशान
दरअसल बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के 10 से अधिक धान खरीदी केन्द्रों में सैकड़ो की संख्या में किसानों से 17 से 18 क्विंटल ही धान खरीदा जा रहा है, जबकि शासन से मिले आदेश के मुताबिक एक किसान से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदा जाना है, जिन केंद्रों में किसानों से कम धान खरीदा जा रहा है उसमें मुण्डागांव, सालेमेटा, भानपुरी, चपका, घोटिया और अन्य इस इलाके के केंद्र शामिल है, धान बेचने इन केंद्रों में पहुंच रहे किसानों का कहना है कि उनसे 16 और ज्यादा से ज्यादा 18 क्विंटल ही धान खरीदा जा रहा है.


कम धान खरीदे जाने की वजह शासन से आदेश मिलने की बात कही जा रही है, किसानों का कहना है कि यह पहली बार हुआ है कि किसानों से 20 क्विंटल की जगह 17 या18 क्विंटल ही धान खरीदी की जा रही है, किसान अब अपने बचे हुए धान को लेकर चिंतित है, किसानों का कहना है बाजार में धान प्रति क्विंटल 1400 से 1500 रुपये क्विंटल में ख़रीदी  जाती है, जिससे किसानों को समर्थन मूल्य से आधे कीमत में अपने धान को मजबूरन बेचना पड़ सकता है,  इसलिए किसानों ने शासन से पूरा 20 क्विंटल धान खरीदे जाने की मांग की है.

जानबूझकर किसानों से कम धान खरीदी करने पर की जाएगी कार्रवाई
जिला सहकारी समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीकांत चंद्राकर ने बताया कि इस साल बस्तर संभाग में 1 करोड़ 25 लाख क्विंटल धान खरीदने का टारगेट विभाग ने रखा है और  एक महीने में लगभग 36 हजार 637 किसानों से 17 लाख 70 हजार क्विंटल धान की खरीदारी उपार्जन केंद्रों में कर ली गई है बाकि बचे किसानों से धान की खरीदी उपार्जन केंद्रों में लगातार की जा रही है, शासन ने  प्रति एकड़ 20 क्विंटल के मुताबिक किसानों से धान ख़रीदी करने के आदेश दिये है, जिस किसान का भी प्रति एकड़ में जीतना धान का उत्पादन  होगा उससे उतनी धान  की खरीदी की जाएगी.

कई किसानों के एक एकड़ में  धान का उत्पादन  कम होता है, ऐसे में उनके धान के क्विंटल में कमी हो सकती है, लेकिन अगर सभी किसानों से जानबूझकर 20 क्विंटल से  कम  धान की खरीदी जा रही है, ऐसी लिखित शिकायत मिलने पर उस उपार्जन केंद्र के प्रभारी पर जरूर कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा. उन्होंने बताया कि शासन से मिले आदेश के मुताबिक किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान ख़रीदी की जानी है.

किसानों से कम धान खरीदने की यह भी बताई जा रही वजह
गौरतलब है कि चुनाव के बाद से और छत्तीसगढ़ में बीजेपीकी सरकार बनने के बाद से 3100 समर्थन मूल्य में धान की बिक्री होने से किसान बड़ी संख्या में केंद्रों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन बस्तर जिले में किसानों से नियम के मुताबिक दो से तीन क्विंटल कम धान खरीदा जा रहा है,  हालांकि इसके पीछे वजह यह भी बताई जा रही है कि किसान दूसरे राज्यो के बिचौलियों के धान को अपने रकबा में शामिल कर शासन को नुकसान ना पहुचा पाए, इसकी भी कोशिश की जा रही है,  लेकिन अब तक जिले में इस  तरह का एक भी मामला सामने नही आया है, फ़िलहाल किसान शासन के नियम के मुताबिक सभी किसानों से पूरा 20 क्विंटल धान खरीदी करने की मांग शासन से कर रहे हैं.