Chhattisgarh Filariasis Culex News: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में ग्रामीण अंचलों में फाइलेरिया के लक्षण दिखाई देने से ग्रामीण काफी चिंतित हैं. इस फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहा जाता है. दरअसल जिले के 3 ब्लॉक में फाइलेरिया के लक्षण वाले मरीज मिलने की जानकारी मिली है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है और इन क्षेत्रों में आगामी 10 फरवरी से 25 फरवरी तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाने की बात कही है. जिसके तहत फाइलेरिया के परजीवी से लोगों को इस रोग से बचने के लिए दवा खिलाई जाएगी.
हालांकि इस दवा से गर्भवती महिला, 2 साल के कम आयु के बच्चे और गंभीर रूप से बीमार मरीज को दूर रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सही समय पर फाइलेरिया के परजीवी को नष्ट नहीं करने पर आगामी चार-पांच साल में यह लाईलाज हो जाता है और शरीर में सूजन आ जाती है. पैर हाथी पांव की तरह सूज जाते हैं, जिले में सही समय पर इलाज नहीं कराने से 30 से ज्यादा हाथी पांव से ग्रसित मरीजों की मिलने की पुष्टि हुई है.
चलाया जाएगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम
बस्तर जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के चतुर्वेदी ने बताया कि फाइलेरिया या हाथी पांव क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. लेकिन इसके लक्षण 5 से 7 साल बाद दिखने लगती है, तब तक यह रोग लाईलाज हो जाता है. इसका एक ही उपाय है कि बीमारी के होने से पहले ही दवा खिलाकर मरीज को बचाया जाए. इधर जिला मलेरिया अधिकारी एस.एस टिकाम ने बताया कि जिले के 3 ब्लॉक बस्तर, बकावंड और तोकापाल इन तीन ब्लाकों में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर डीईसी और एल्बेंडाजोल खिलाएंगे.
आगामी 10 फरवरी से 25 फरवरी तक इन तीनों ब्लॉक में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जाएगा. इसके साथ ही महत्वपूर्ण स्थानो में शिविर लगाकर दवाई खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं के सही डोज के संबंध में भारत सरकार के द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है. इसके अनुसार माइक्रो फाइलेरिया पॉजिटिव मरीजों को शरीर के वजन के आधार पर डीईसी दवा और एक गोली एल्बेंडाजोल एक बार दिया जाएगा.
फाइलेरिया के लक्षण और बचाव
जिला टीकाकरण अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण काफी सामान्य होते हैं, इसमें ज्यादा दिन तक बुखार रहता है. पुरुषों के जननांग में और महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहता है. हाथ पैर में दर्द या सूजन रहता है, यह सभी लक्षण फाइलेरिया के लक्षण हैं. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया को लेकर लापरवाही बरतने पर जिस किसी मनुष्य के शरीर में इस फाइलेरिया के परजीवी मौजूद होते हैं. वह पूरी तरह से हाथ और पैर को अपनी चपेट में ले लेते हैं, जिस वजह से मरीज के पैर हाथी पांव की तरह हो जाती है और 5 से 7 साल बीतने के बाद यह बीमारी लाइलाज हो जाती है.
स्वास्थ्य अधिकारी ने इस तरह के लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में इसकी जानकारी देने की भी अपील की है. फिलहाल इन तीन ब्लॉक में उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं उन्होंने बात की क्यूलेक्स मच्छर रात के वक्त काटते हैं. इसलिए किसी इंसान को इसका आभास नहीं हो पता है. हालांकि शरीर में इस तरह के लक्षण दिखने पर जरूर स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने की सलाह स्वास्थ्य अधिकारी ने दी है.
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