Chhattisgarh News: बस्तर की पहली "आई प्रवीर द आदिवासी गॉड" मूवी को फिल्मफेयर में मिली जगह, अवार्ड के लिए वोटिंग जारी
Baster News: बस्तर के महाराजा पर बनी आई प्रवीर द आदिवासी गॉड फिल्म को फिल्मफेयर के शार्टफिल्म कैटगिरी में सलेक्ट किया गया है. इसके लिए टॉप 30 फिल्मों को सलेक्ट किया गया है.
Baster News: छत्तीसगढ़ स्थित बस्तर के राजपरिवार के महाराजा दिवंगत प्रवीरचंद्र भंजदेव पर बनी शॉर्ट फिल्म "आई प्रवीर द आदिवासी गॉड" को फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नॉमिनी में शामिल किया गया है. इसको लेकर बस्तरवासियों के साथ साथ पूरे छत्तीसगढ़ के लोगो में काफी खुशी का माहौल है. इसे बड़ी सफलता बताया जा रहा है. अवार्ड के लिए वोटिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
दरअसल ऐसा पहली बार हुआ है जब पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर पर बनी फिल्म को फिल्म फेयर में जगह मिली हो. खास बात यह है कि इस डॉक्टयूमेंट्री फिल्म की पूरी शूटिंग बस्तर में हुई है ,और इस शॉट फ़िल्म में बस्तर और दंतेवाड़ा के अंदरूनी इलाके के लोगों को जगह दी गई है.
20 मीनट की शॉट फिल्म
इस शॉट फिल्म के डायरेक्टर विवेक कुमार हैं. उन्होंने ने बताया "यह फिल्म 20 मीनट की है. डॉक्यूमेंट्री फिल्म होने की वजह से इसमें बस्तर के स्थानीय लोगों से बातचीत और उनको जगह दी गई है. उन्होंने बताया इसमें उन्होंने शहरी लोगों से बातचीत नहीं की है, क्योंकि उनकी थीम ही अलग थी. इसके चलते इसमें बस्तर के अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें इस फिल्म में जगह दी गई है."
उन्होंने बताया उनके फिल्म की थीम यह है कि आज भी लोग बस्तर के तत्कालीन महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव से अपने आप को सीधे जोड़ते हैं. उनका मानना है कि बस्तर के महाराजा की कमी वो आज भी महसूस करते हैं, इसके पीछे का प्रमुख कारण है राज नेताओं द्वारा तैयार किए गए तंत्र का उन्हें फायदा नहीं मिल पाना. वे मानते हैं कि आज भी लोकतंत्र से जुडक़र उनके आदिवासी नेता उनका दिल नहीं जीत पाए हैं. लोकतंत्र में उनका काम नहीं हो रहा या हो भी रहा है तो उसकी गति बेहद धीमी है. साथ ही वे इतने सीधे हैं कि लोकतंत्र में अपनी बात मनवाने के लिए तो हथियार है, वो उसका प्रयोग नहीं कर पा रहे. इसलिए वे बस्तर महाराजा को याद करते हुए कहते नजर आते हैं कि वे होते तो बस्तर के सभी ग्रामीणों की सुनवाई होती."
बस्तर के सिनेमेटोग्राफर ने शूट की फिल्म
विवेक ने बताया " यहां पर वो अपनी फिल्म पूरी कर पाए इसके पीछे का अहम कारण अंजार नबी है. बस्तर जैसे क्षेत्र में होनहार कैमरामैन और सिनेमेटोग्राफर हैं. उन्होंने बेहद शानदार तरीके से न केवल ग्रामीणों से बातचीत को कैमरे में उतारा बल्कि उन्हें कैमरे के सामने बोलने पर भी मनाया. अंदरूनी इलाके के लोग हमेशा कैमरे पर बात करने में झिझकते हैं, लेकिन बस्तर के अंजार नबी ने यह काम आसान किया साथ ही कैमरे में उनका हुनर देखते ही बनता है, उनके ही कैमरे से शूट की गई फिल्म अब पूरी दुनिया देखेगी."
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल चुका है पुरस्कार
बस्तर के महाराजा पर बनी "आई प्रवीर द आदिवासी गॉड" फिल्म को फिल्मफेयर के शार्टफिल्म कैटगिरी में सलेक्ट किया गया है. इसके लिए टॉप 30 फिल्मों को सलेक्ट किया गया है. अब वोटिंग की जा रही है. जिसे जितने ज्यादा वोट मिलेंगे उसकी जीत होगी. विवेक ने बताया "इसके फिल्मफेयर की साइट में शॉट फिल्म के कॉलम पर जाकर वोटिंग की जा सकती है. इसके अलावा क्रिटिक्स वर्ग में भी इसका सलेक्शन बाकि है. जिसमें कोई वोटिंग नहीं होगी, और कंटेंट के आधार पर ही अवार्ड दिया जाएगा."
"उन्होंने यह भी बताया इस फिल्म को तीन राष्ट्रीय तो एक अंरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में जगह मिल चुकी है. केरल के SIGNS फिल्म फेस्टिवल, कोलकाता में साउथ एशियन शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल, केरल में ही इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री फेस्टिवल और बंगाल इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में इसे स्थान मिल चुका है , इसके अलावा ब्राजील में फ्राइसिने फेस्टिवल में भी इसे जगह मिल चुकी है."
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