Chhattisgarh News: जगदलपुर में 5 साल से चल रहा है सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण, अब अधिकारियों ने किया ये दावा
Bastar News: बस्तर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब 230 करोड़ की लागत से 255 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शहर से लगे डिमरापाल गांव में तैयार किया जा रहा है.
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Jagdalpur Super Specialty Hospital: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में स्थित डीकेएस मॉडल (DKS Model) की तर्ज पर बस्तर संभाग (Bastar) के मुख्यालय जगदलपुर (Jagdalpur) में भी करोड़ो रुपये की लागत से बनाए जा रहे मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण काम कछुआ गति से चल रहा है. आलम यह है कि साल 2018 में शुरू हुआ निर्माण काम पांच साल बीतने के बाद भी अभी पूरा नहीं हो सका है.
जानकारी के मुताबिक साल 2020 नवंबर महीने तक इस हॉस्पिटल का निर्माण काम पूरा कर लिया जाना था, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते पांच साल से इस हॉस्पिटल का निर्माण काम चल ही रहा है. हालांकि, अब जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल का निर्माण काम करीब 90% पूरा हो चुका है और मार्च महीने के अंतिम दिनो तक बाकी 10% काम पूरा कर लिया जाएगा.कयास लगाये जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले इस हॉस्पिटल का लोकापर्ण कर दिया जाएगा और उसके बाद इस हॉस्पिटल में इलाज की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी.
करीब 230 करोड़ की लागत से हो रहा है तैयार
प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए करीब 230 करोड़ की लागत से 255 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल शहर से लगे डिमरापाल गांव में तैयार किया जा रहा है. इसमें 130 करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर और 100 करोड़ रुपये के आधुनिक उपकरण लगाने के साथ 600 से ज्यादा स्टाफ की भर्ती की जानी है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 230 करोड़ के रुपये की लागत से बन रहे इस हॉस्पिटल में 60% राशि केंद्र सरकार और 40% राशि राज्य सरकार को दिया जाना है.
हॉस्पिटल में होगी ये सुविधाएं
इस 10 मंजिला हॉस्पिटल में कैंसर यूनिट, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर नया सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित और भी सुविधा मुहैया कराया जाना है. इसके अलावा यहां सुपर स्पेशलिटी कोर्सेज की पढ़ाई भी शुरू की जानी है, जिससे कि राज्य में सुपर स्पेशलिटी डॉक्टर की कमी दूर हो सके, लेकिन इस हॉस्पिटल के निर्माण काम को शुरू हुए पांच साल बीत चुके हैं. इसके बावजूद अब तक हॉस्पिटल पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हो सका है. हालांकि अब जिम्मेदार अधिकारी कुछ ही महीनों में इस हॉस्पिटल के इंटीरियर का काम पूरा कर लेने का दावा कर रहे हैं. बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम का कहना है कि हॉस्पिटल का इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है और इंटीरियर का काम चल रहा है. कोशिश की जा रही है कि आने वाले महीनो में इस अस्पताल का लोकार्पण किया जा सके.
10 मंजिला होगा हॉस्पिटल
जानकारी के मुताबिक रायपुर के बाद बिलासपुर और जगदलपुर में राज्य का दूसरा और तीसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है, जो सिम्स से बिल्कुल अलग है. प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत बनाए जा रहे इस हॉस्पिटल में ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन चिकित्सा के अलावा गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी. यहां बस्तर संभाग के अलावा छत्तीसगढ़ और देश भर के मरीजों को सरकारी दर पर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी. वहीं इस 10 मंजिले सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हार्ट स्पेशलिस्ट से संबंधित मेडिसिन, किडनी रोग से संबधित सभी मेडिसिन, मस्तिष्क रोग से संबंधित मेडिसिन, न्यूरोलॉजी विभाग और न्यूरो सर्जरी विभाग की सुविधा रहेगी.
जवानों को मिल सकेगा बेहतर इलाज
वहीं कार्डियोलॉजी नेफ्रोलॉजी समेत अन्य विभाग का भी संचालन होगा और इसके विशेषज्ञ भी तैनात रहेंगे. फिलहाल बस्तरवासियों को इस हॉस्पिटल के पूरी तरह से बनने का इंतजार है. वर्तमान में बस्तर जिले में मौजूद डिमरापाल हॉस्पिटल रफत सेंटर बन गया है, जिसके चलते यहां मरीजों को रायपुर, आंध्र प्रदेश, विशाखापट्टनम या हैदराबाद बेहतर इलाज के लिए रेफर करना पड़ता है. समय पर इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की जान भी चली जाती है. इस अस्पताल के बनने से खासकर नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को मुठभेड़ के दौरान और आईईडी ब्लास्ट के दौरान घायल होने पर रायपुर रेफर करना नही पड़ेगा. जवानों को इसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी.
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