Kanger Ghati National Park: देश में एक ऐसा पार्क है जहां आपको एक साथ 12 से भी ज्यादा देशों में पाए जाने वाले अलग-अलग प्रजाति के पक्षी एक ही जगह देखने को मिलेंगे. छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में 170 से भी ज्यादा प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं. खास बात यह है कि इस पार्क में 12 से भी अधिक देशों की अलग-अलग प्रजातियों की पक्षियां मौजूद है. वेस्टर्न घाट के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर में ही इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजाति पाई गई है.


यही वजह है कि कांगेर वैली नेशनल पार्क प्रबंधन ने इन पक्षियों के सर्वेक्षण के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया है, जिसमें 11 राज्यों के करीब 60 पक्षी विशेषज्ञ बस्तर पहुंचे हुए हैं. ये 3 दिनों तक नेशनल पार्क में रहकर दिन रात पार्क में विचरण करने वाली पक्षियों पर नजर रखकर उनकी पूरी जानकारी लेंगे. इस पार्क में पाए जाने वाले दुर्लभ पक्षियों पर शोध भी करेंगे. पूरे देश में पहली बार अलग-अलग प्रजाति के पक्षियों पर इस तरह का शोध किया जा रहा है..


170 प्रजाति की पक्षी मौजूद


छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर घाटी नेशनल पार्क जैव विविधता पार्क के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. हजारों हेक्टेयर में फैले इस पार्क में बड़ी संख्या में वन्य पशुओं के अलावा मगरमच्छ और दुर्लभ प्रजाति के सांप, गिरगिट  और पक्षियां मौजूद है. कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि केवल बस्तर के पार्क में ही 170 प्रजाति के पक्षियां मौजूद है. इनमें से अधिकतर पक्षियां विदेशों से उड़कर यहां आई हैं.



सर्वे के दौरान पता चला कि इटली, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रशिया और एशियाई देशों में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजाति के पक्षी यहां मौजूद हैं. खास बात यह है कि ये पक्षियां  छत्तीसगढ़ के केवल इसी नेशनल पार्क में देखने को मिलती  है. यहां पार्क के अलग-अलग ट्रेल में दिखाई देती है. यहां पहुंचने वाले पर्यटक भी इन पक्षियों को देखकर इसका आनंद लेते हैं. 


60 पक्षी विशेषज्ञ रखेंगे नजर


संचालक ने बताया कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क में बर्ड काउंट इंडिया और बर्ड्स एंड वाइल्डलाइफ ऑफ छत्तीसगढ़ के सहयोग से पक्षी सर्वेक्षण शुरू किया गया. जिसमें 11 राज्यों से 60 से अधिक पक्षी विशेषज्ञ कांगेर वैली नेशनल पार्क पहुंचे हुए हैं. कांगेर घाटी के अलग-अलग ट्रेल में यह पक्षी विशेषज्ञ अगले 2 दिनों तक पक्षी सर्वेक्षण करेंगे. ये घाटी के अलग-अलग पक्षी रहवासियों का निरीक्षण कर यहां पाए जाने वाले पक्षियों की जानकारी लेंगे. इस सर्वेक्षण से उद्यान प्रबंधन सहित ईको-टूरिज्म में बर्ड-वाचिंग के नए आयाम भी सम्मिलित होंगे.




खास बात यह है कि सभी पक्षी विशेषज्ञ पार्क में अलग-अलग ट्रेल पर दिन-रात इन पक्षियों को देखने के लिए अपने-अपने साथ संसाधन भी लाए हैं. जिनके माध्यम से पक्षियों के रहवास, इसके अलावा ये पक्षियां क्या खाती हैं, कैसे रहती हैं, कौन कौन से प्रजाति की है, इनकी विशेषताएं क्या है, ये सारी जानकारियां जुटाई जाएगी.


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