छत्तीसगढ़ के बस्तर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. पिछले 6 दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. पूरे प्रदेश भर में सबसे अधिक बस्तर में ठंड ने कहर बरपा रखा है, जिससे बस्तरवासियों का बुरा हाल है. पिछले 2 दिनों से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. बस्तर के जगदलपुर में तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक आने वाले दिनों में पारा 3 से 4 डिग्री तक और गिर सकता है.
इधर कड़ाके की ठंड की वजह से फुटपाथ पर जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए मुसीबत और बढ़ गई है. खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में इन लोगों को रात गुजरनी पड़ रही है. हालांकि निगम ने शहर में इक्का-दुक्का जगह ही अलाव की व्यवस्था की है लेकिन खुले आसमान के नीचे सो रहे लोगों के लिए रैनबसेरा में कोई व्यवस्था नहीं है. इस वजह से बच्चे, बूढ़े और महिलाएं ठंड में ठिठुरकर सोने को मजबूर हो रहे हैं.
पारा 4 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान -
बस्तर में लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिन में भी लोग गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकल रहे हैं. संभाग के सातों जिलों में अच्छी-खासी ठंड पड़ रही है. बताया जा रहा है कि इस साल की ठंड बीते सालों के रिकॉर्ड तोड़ सकती है. वही मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आने वाले दिनों में तापमान में 3 से 4 डिग्री और गिरावट दर्ज की जा सकती है. इससे बस्तर में तापमान 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा.
फुटपाथ पर रह रहे लोगों का बुरा हाल -
इधर इस ठंड से सबसे बुरा हाल फुटपाथ पर जिंदगी बिता रहे लोगों का है. जगदलपुर शहर के फुटपाथ पर सोने वाले लोग ठंड से ठिठुरने के लिए मजबूर हैं. दंतेश्वरी मंदिर परिसर, राजीव भवन परिसर, इसके अलावा संजय मार्केट और ऐसी कई जगहे हैं, जहां लोग ठंड से ठिठुर कर सो रहे हैं.
नगर निगम ने नहीं की कोई व्यवस्था -
नगर निगम के अधिकारियों ने भी इनके लिए रैन बसेरा में कोई व्यवस्था नहीं की है. यहां के आयुक्त प्रेम कुमार पटेल का कहना है कि बढ़ती ठंड को देखते हुए निगम के द्वारा शहर की 3 जगहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है. गौरतलब है कि निगम के द्वारा इतने बड़े शहर में केवल तीन जगह ही अलाव की व्यवस्था की गई है जोकि पर्याप्त नहीं है.
हालांकि जल्द ही इन लोगों को कंबल बांटने की बात निगम के अधिकारी कह रहे हैं लेकिन पिछले 5 दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद इनके लिए अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
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