Protest In Delhi: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों के एक समूह ने अपने इलाके में न्याय और शांति की मांग को लेकर गुरुवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया.‘बस्तर शांति समिति’ के बैनर तले समूह ने कर्तव्य पथ से अपना प्रदर्शन शुरू किया और दोपहर तक जंतर-मंतर पहुंचा.


मंगूरांम कवाडे ने दी ये जानकारी


बस्तर शांति समिति के समन्वयक मंगूराम कवाडे ने कहा, ‘‘हम दशकों से नक्सली हिंसा से पीड़ित हैं. हमारे गांव तबाह हो गए हैं और हमारा क्षेत्र विकास से वंचित रह गया है.’’ कवाडे ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि बस्तर की आवाज सुनी जाए और हमारे लोगों को लगातार हो रही इस हिंसा से मुक्त कराया जाए.’’


मार्च में नक्सलियों द्वारा लगाए गए बारूदी सुरंग में अपना पैर गंवाने वाले गुड्डूराम लेकाम (18) ने बताया कि वह खेतों से मिर्च तोड़कर घर लौट रहे थे तभी जंगल में बारूदी सुरंग पर उसका पैर पड़ गया. बारूदी सुंरग में हुए धमाके में उसने अपना पैर गंवा दिया. लेकाम ने निवेदन करते हुए कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि किसी और को भी यही परेशानी झेलनी पड़े, इसलिए हमारे क्षेत्र से नक्सलवाद को खत्म करना महत्वपूर्ण है. यही कारण है कि हम आज यहां विरोध प्रदर्शन करने आए हैं.’’


एक अन्य प्रदर्शनकारी ममता सोरी (35) ने कहा कि 2015 में हुए एक बम विस्फोट में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी थी. सोरी ने कहा, ‘‘हमारे गांव में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, वे अकेले घर से बाहर भी नहीं निकल सकतीं और हमारे क्षेत्र की लड़कियों की उचित शिक्षा तक पहुंच नहीं है.’’


कवाडे के अनुसार, ये प्रदर्शनकारी जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली में विभिन्न मंचों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, ताकि महानगरों और अन्य प्रमुख राज्यों में लोग उनकी दुर्दशा को समझ सकें और उनकी आवाज सुन सकें.


ये भी पढ़ें: बलरामपुर में सीएसएफ जवान ने अपने ही साथियों पर बरसाई गोलियां, दो की मौत, एक घायल