Chhattisgarh: बस्तर में मौसम की मार से 'हरे सोने' की खरीदी हुई प्रभावित, ग्रामीण संग्राहक हुए मायूस
Bastar News: बस्तर में बारिश (Rain) से संग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है. तेंदू पत्ते (Tendu Leaves) का नुकसान होने और परिश्रमिक मिलेगा या नहीं इसकी चिंता भी संग्राहकों सता रही है.
Bastar Purchase of Tendu Leaves Affected: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में बदलते मौसम ने बस्तर में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदू पत्ता (Tendu Leaves) संग्राहको की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बस्तर के ग्रामीण अंचलों के आदिवासी साल भर तेंदू पत्ता सीजन का इंतजार करते हैं और इस सीजन के दौरान ग्रामीणों की अच्छी कमाई भी होती है. लेकिन, बस्तर में बदलते मौसम (Weather) ने ग्रामीणों को मायूस कर दिया है. वहीं खराब मौसम को देखते हुए कई जगह समितियों ने तेंदू पत्ता की खरीदी बंद कर दी है. पहले ही बीते 2 साल से कोरोना संकट के कारण संग्राहक तेंदू पत्ता की खरीदी उम्मीद के मुताबिक नहीं कर पाए थे. इस साल भी खरीदी शुरू होने के साथ ही संग्राहक पूरे परिवार के साथ तेंदू पत्ता की तोड़ाई करने जंगल की ओर निकल पड़े थे, लेकिन मौसम ने संग्राहकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. इधर तेंदू पत्ता फड़ मुंशियों ने मौसम की मार से बचने के लिए संग्राहकों को घर में ही तेंदू पत्ता सुखाने की सलाह दी है. लेकिन, लगातार हो रही बारिश (Rain) से संग्राहकों को तेंदू पत्ता नुकसान होने और उसके परिश्रमिक मिलेगा या नहीं इसकी चिंता सता रही है. संग्राहक पूरे जतन के साथ हर दिन व्यवस्थित तरीके से पत्तों को सुखाने का प्रयास कर रहे हैं.
संग्राहकों में छायी मायूसी
दरअसल, बस्तर में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदू पत्ता बस्तर के आदिवासियों के लिए मुख्य आय का स्त्रोत भी है. हर साल आदिवासी तेंदू पत्ता संग्रहण कर आर्थिक आय अर्जित करते हैं. तेंदू पत्ता संग्रहण करने में लोगों को इतनी अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है और पारिश्रमिक भी अच्छा खासा मिलता है. वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदू पत्ता संग्राहकों से वादा निभाते हुए प्रति मानक बोरा 2500 से 4000 रुपये तक कर दिया है. इसके अलावा संग्राहक परिवार को अन्य योजनाओं का लाभ भी मिलता है. पारिश्रमिक बढ़ने के बाद संग्राहक परिवार में खुशी है और अधिक से अधिक संग्रहण करने की आस के साथ जंगल की ओर निकल पड़ते हैं इस साल भी जोर-शोर से संग्रहण करने जुटे थे, लेकिन फिलहाल खरीदी बंद होने से उनके चेहरों पर मायूसी झलक रही है.
कई समितियों ने की खरीदी बंद
इधर, बस्तर के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद का कहना है कि बस्तर में बदलते मौसम ने संग्राहकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, साथ ही बारिश की वजह से तोड़ाई किए गए तेंदू पत्ता के खराब होने का भी डर बना रहता है. ऐसे में इस साल जो तेंदू पत्ता खरीदी का लक्ष्य रखा गया था उस लक्ष्य से विभाग पिछड़ते हुए नजर आ रहा है. वहीं, कई जगह बदलते मौसम को देखते हुए समितियों ने तेंदू पत्ता खरीदी भी बंद कर दी है. संग्राहकों के साथ-साथ विभाग को भी बदलते मौसम से चिंता सताने लगी है. उन्होंने कहा कि अब तक जितनी भी समितियों से तेंदू पत्ता की खरीदी हुई है उसे रखने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टोरेज भवन उपलब्ध है.
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