Republic Day 2023: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर बस्तर (Bastar) पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने जिले के तुरेनार गांव में बनाए गए देश के पहले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (Rural Industrial Park ) रीपा का लोकार्पण किया. दरअसल ग्रामीणों के स्वरोजगार के लिए तूरेनार गांव में करीब 5 एकड़ में 20 वर्किंग शेड्स बनाए गए हैं, जिनमें से 18 वर्किंग शेड्स में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 337 ग्रामीणों को रोजगार दिया गया है. वर्किंग शेड्स के साथ ही यहां प्रशिक्षण केंद्र और आवासीय प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के लिए आवासीय परिसर भी बनाया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के लोकार्पण के बाद हर एक शेड्स में जाकर वहां संचालित गतिविधियों को देखा और स्वरोजगार काम मे लगी महिलाओं से बात कर उनके काम की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क परिसर में आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम और किसान मेले में शिरकत की. यहां उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में इस तरह के 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं. साथ ही रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए हर विकासखंड में दो-दो रीपा तैयार किए जा रहे हैं.
युवाओं को उद्योग के लिये जमीन उपलब्ध कराएगी सरकार
जिले के तूरेनार गांव में लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में 18 वर्किंग शेड्स और विभिन्न निर्माण और प्रसंस्करण केंद्र खोले गए हैं. वहीं करीब 337आदिवासी ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. 'मुख्यमंत्री ने कहा तूरेनार में छत्तीसगढ़ का नहीं बल्कि देश का पहले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का शुभारंभ हो रहा है. बस्तर में बहुत से कीमती वनोपज मौजूद हैं जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलते. लघु वनोपजो के संग्रहण के साथ ही इनके प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन से स्थानीय लोगों को अच्छी कमाई हो रही है. उन्होंने कहा बस्तर के ग्रामीण पहले सीधे कोसा बेचते थे, लेकिन अब इससे धागा बना रहे हैं. साथ ही एशिया की सबसे बड़ी इमली मंडी भी बस्तर में मौजूद है. अब यहां इमली से कैंडी सॉस और चटनी बनाई जा रही है. साथ ही बस्तर में उगाई जाने वाली सुगंधित चावल की अच्छी पैकेजिंग कर भी यहां के ग्रामीण इसे बेच रहे हैं. इसके अलावा काजू के प्रसंस्करण के बाद इसे अच्छे दामों में देश दुनिया में बेचा जा रहा है.'
मुख्यमंत्री ने क्या कहा
'मुख्यमंत्री ने कहा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से युवाओं को रोजगार मूलक कार्यों के लिए सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ गांव में ही जमीन उपलब्ध होगी. यहां उद्योग की स्थापना के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. उद्योग की स्थापना के लिए युवाओं को आसानी से भूमि उपलब्ध होने पर लोगों में उद्योग के प्रति रुचि बढ़ेगी और बस्तर से पलायन भी रुकेगा. इससे गांव के युवाओं को गांव में ही काम मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा इस रीपा के माध्यम से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार किया जा रहा है. रीपा से गांव स्वावलंबी बनेंगे और ग्रामीण भी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और महिलाएं भी आत्म निर्भर होगी.'
"रीपा" में तैयार होने वाले प्रोडक्ट
इस रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उपलब्ध सुविधा और संचालित गतिविधियों में राज्य शासन के सहयोग से विभिन्न महिला स्व सहायता समूह द्वारा मशरूम, स्पॉन लैब और आएस्टर मशरूम उत्पादन किया जा रहा है. इसके साथ ही बटन मशरूम और आएस्टर मशरूम उत्पादन भी होगा. यही नहीं यहां काजू प्रसंस्करण, कोदो, कुटकी ,रागी ,मसाला, तिखूर प्रसंस्करण और अचार का भी बनाया जा रहा है. यहां सुगंधित चावल और दाल का उत्पादन होगा. साथ ही यहां इमली कैंडी भी बन रही है. चिरौंजी प्रसंस्करण, कोसा से रेशम धागाकरण, मुर्गी पालन, अंडा उत्पादन, तेल पेराई, नॉन वुवेन बैग, पेपर बैग ,प्राकृतिक पत्तों से दोना पत्तल, गोबर पेंट, सूती वस्त्र, मछली दाना और मुर्गी दाना भी बनाया जा रहा है. साथ ही यहां बैकरी इकाई भी संचालित की जा रही है. इन सभी उत्पादन को 18 वर्किंग शेड्स में रखा गया है. जहां 337 ग्रामीण काम कर रहे हैं.