Chhattisgarh Strike: छत्तीसगढ़ में अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर पिछले 49 दिनों से हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों के मांग पर अब तक सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. जिसके चलते अभी भी उनका हड़ताल जारी है. इस हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भी हजारों गांवो के विकास कार्य रुक गए हैं. वहीं ग्रामीणों को पंचायत के जरिये रोजगार और सरकारी दस्तावेज संबंधित काम पूरी तरह से प्रभावित हुए है.

सचिवों द्वारा क्रमिक भूख  हड़ताल पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद भी अभी तक पंचायत सचिवो के मांग को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है. जिसके चलते अब सभी पंचायतों के ग्रामीण काफी परेशान हो रहे हैं. पंचायत से संबंधित उनके सभी काम रुके हुए हैं. ऐसे में अब ग्रामीण भी पंचायत सचिवों के मांग के मामले में जल्द निर्णय लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं.

49 दिनो से जारी है सचिवों का हड़ताल
भूख हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिवों का कहना है कि उनके द्वारा सरकार से पिछले कई सालों से सचिवों के नियमितीकरण की एक सूत्रीय मांग की जा रही है. लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस वजह से बीते 49 दिनों से संभाग के सभी जनपद कार्यालय के बाहर पंचायत सचिव हड़ताल पर बैठे हुए हैं. अपने हड़ताल के दौरान क्रमिक भूख हड़ताल भी कर रहे हैं, यही नहीं 15 दिन पहले सभी जिला मुख्यालय में सचिवों ने बाइक रैली निकालकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है.बावजूद इसके सरकार उनकी एक सूत्रीय मांग को लेकर कोई सुनवाई नहीं कर रही है.

सरकार मांग को गंभीरता से नहीं ले रही
इस वजह से अभी भी सचिवों का हड़ताल जारी है. सचिवों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, हड़ताल पर डटे रहेंगे. उनका कहना है कि उनके हड़ताल पर बैठने से कई पंचायतों में ताला लग चुका है. वहीं ग्रामीणों के सरकारी कामकाज पूरी तरह से रुक गई है. जिसके लिए उन्हें भी काफी अफसोस है. लेकिन सरकार उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है. इसलिए मजबूरन उन्हें हड़ताल करना पड़ रहा है. सचिवों ने कहा कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं होती है तो वे अपने हड़ताल को आंदोलन के रूप में लेंगे और पूरे प्रदेश भर में उग्र आंदोलन करेंगे.

पंचायत के कामकाज हुए ढप
इधर बस्तर संभाग के कई पंचायतों में ताला लगने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से शासन की पंजीयन, मनरेगा, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र ,सामाजिक सहायता कार्यक्रम, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और सुखद सहारा पेंशन से  संबंधित सभी काम प्रभावित हो गए हैं. यही नहीं युवाओं को बेरोजगारी भत्ता पाने के लिए पंचायतों से रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहे हैं. जिसके चलते उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब ग्रामीणों ने भी सरकार से मांग की है कि पंचायत सचिवों की मांग को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाए. क्योंकि बीते 49 दिनों से सचिवों के हड़ताल पर चले जाने से उनके कामकाज प्रभावित हो गए हैं. उन्हें पंचायत के जरिये मिलने वाला रोजगार भी नहीं मिल पा रहा है.


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