Chhattisgarh: बेमौसम बारिश से बस्तर का 'हरा सोना' खराब, खरीदी भी हुई प्रभावित, लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान
Bastar Unseasonal Rain: बारिश की वजह से ठेकेदार परेशान हो रहे हैं. ठेकेदार जानबूझकर कम खरीदी कर रहे हैं ताकि नुकसान कम हो. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल तेंदूपत्ता की खरीदी भी प्रभावित हो सकती है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदुपत्ता वनोपज की खरीदी में बेमौसम बारिश का असर देखने को मिल रहा है. माना जा रहा है कि इस साल तय लक्ष्य से तेंदूपत्ता की खरीदी कम होगी. बारिश ने तेंदूपत्ता की क्वालिटी भी खराब कर दी है, जिससे इसकी खरीदी में खनन डाल दिया है, क्योंकि बारिश की वजह से तेंदूपत्ता की क्वालिटी पर इसका असर दिखाई दे रहा है. इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल तेंदूपत्ता की खरीदी भी प्रभावित हो सकती है. अब तक चारों वन मंडलों में 119 लॉट में से 109 लॉट तेंदूपत्ता की एडवांस बुकिंग हो चुकी है.
ठेकेदार बारिश की वजह से परेशान हो रहे हैं. यही वजह है कि ठेकेदार जानबूझकर कम खरीदी कर रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान कम हो. वन वृत्त के अंतर्गत 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी के लक्ष्य के मुकाबले केवल 71 हजार 633 मानक बोरा तेंदूपत्ता अब तक खरीदा जा सका है, बार-बार मौसम खराब होने की वजह से तेंदूपत्ता फड़ भी ठीक तरीके से संचालित नहीं हो पा रही हैं. जिससे तेंदूपत्ता संग्राहकों के साथ वन विभाग को भी नुकसान होने का अंदेशा है.
बारिश से क्वालिटी और क्वांटिटी हुई खराब
दरअसल बस्तर में ग्रामीण संग्राहकों को हर साल लाखो रुपए की आय तेंदूपत्ता के जरिए होती रही है. बड़ी आय के जरिए महज 1 से 2 महीनों में तेंदूपत्ता संग्राहक हजारों रुपए की कमाई कर लेते हैं. इस साल भी उम्मीद थी कि तेंदूपत्ता से संग्राहकों को अच्छी कमाई होगी. लेकिन बस्तर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश की वजह से तेंदूपत्ता खराब हो रहे हैं. तेंदूपत्ता की क्वालिटी भी काफी गिरी है, इस वजह से संग्राहकों के द्वारा बिक्री किए जा रहे तेंदूपत्ता की क्वालिटी की वजह से रिजेक्ट हो रही है. वही तेंदूपत्ता ठेकेदार भी जानबूझकर तेंदूपत्ता की खरीदी कम कर रहे हैं.
संग्रहण का कार्य प्रारंभ है
वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद ने बताया कि बस्तर वन वृत्त के 4 मंडलों में तेंदूपत्ता की खरीदारी शुरू हो गई है. बस्तर और दंतेवाड़ा में लगभग संग्रहण का काम खत्म होने को है, लेकिन बीजापुर और सुकमा में संग्रहण का कार्य प्रारंभ है, लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से तेंदूपत्ता के क्वालिटी और क्वांटिटी में काफी फर्क पड़ रहा है. तेज बारिश होने और ओले गिरने की वजह से पत्ते खराब हो रहे हैं, जिससे तेंदूपत्ता संग्रहण कर्ताओं के साथ विभाग भी काफी चिंतित है. तेंदूपत्ता खरीदी का जो इस साल लक्ष्य रखा गया है. उस लक्ष्य के मुताबिक खरीदारी नहीं होने की पूरी गुंजाइश दिख रही है. वही तेंदूपत्ता की क्वालिटी सबसे अहम होती है. लेकिन बारिश ने तेंदूपत्ता के क्वालिटी में काफी प्रभाव डाला है. इस साल बाकि सालों के मुकाबले खरीदी के लक्ष्य से पिछड़ने के साथ तेंदूपत्ता की खरीदी भी काफी प्रभावित हो रही है.
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