(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhanupratappur By Election 2022: कौन हैं सावित्री मंडावी जिन्हें कांग्रेस ने बनाया है अपना उम्मीदवार?
कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि मनोज मंडावी भानुप्रतापपुर विधानसभा इलाके में सक्रिय नेता के रूप में पहचाने जाते थे. ऐसे में उनकी पत्नी को टिकट दिए जाने से इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत होगी.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस (Congress) से प्रत्याशियों के चयन को लेकर लगाए गए तमात कयासों के बाद आखिरकार पार्टी ने भानुप्रतापपुर के पूर्व विधायक दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को अपना प्रत्याशी चुना है. कुछ दिन पहले ही सावत्री मंडावी द्वारा अपने सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के बाद कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस से उन्हें ही टिकट मिलेगा. वहीं अब बुधवार को हुए घोषणा में पार्टी ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सावित्री मंडावी को प्रत्याशी चुना है.
सावित्री मंडावी 33 सालों से शिक्षा विभाग में
सावित्री मंडावी ने दो दिन पहले ही नामांकन फॉर्म खरीदा था. बताया जा रहा है कि 17 नवंबर को नामांकन फार्म दाखिल करने की अंतिम तारीख है. इस दिन कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी नामांकन दाखिल करेंगी. इस दौरान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मोहन मरकाम समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता सावित्री मंडावी के साथ मौजूद रहेंगे. दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी धमतरी जिले के गवर्नमेंट कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थी. इनका गृह निवास चारामा विकासखंड के तेलगारा ग्राम में है, जबकि ससुराल नाथियानावा गांव में है. सावित्री मंडावी ने बीएचएचसी किया है, और पिछले 33 सालों से सरकारी शिक्षा विभाग में सेवा दे रही थी.
कांग्रेस को सावित्री मंडावी पर भरोसा
मनोज मंडावी के मौत के बाद सावित्री मंडावी ही दावेदारी के लिस्ट में पहले पायदान पर थी. कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि मनोज मंडावी भानूप्रतापपुर विधानसभा इलाके में सक्रिय नेता के रूप में पहचाने जाते थे. ऐसे में उनकी पत्नी को टिकट दिए जाने से निश्चित तौर पर इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत होगी. साथ ही कांग्रेसियों का यह भी कहना है कि भानुप्रतापपुर विधानसभा के लोगों की संवेदनाएं मनोज मंडावी के परिवार से है. ऐसे में सिंपथी वोट भी उन्हें मिलेंगे.
आदिवासियों में नाराजगी
इधर बीजेपी और कांग्रेस के द्वारा अपने उम्मीदवार तय करने के बाद अब बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम और कांग्रेस से सावित्री मंडावी के बीच टक्कर है. हालांकि, आरक्षण के मुद्दे को लेकर सर्व आदिवासी समाज दोनों ही पार्टी के नेताओं से काफी नाराज चल रहा है. इसके चलते हर एक पंचायत से सर्व आदिवासी समाज के लोगों द्वारा नामांकन फॉर्म खरीदने का सिलसिला शुरू हो गया है. फिलहाल, अब तक नाराज आदिवासियों को मनाने के लिए दोनों ही पार्टी के नेताओं के द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किया गया. ऐसे में भानूप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प होने वाला है.