Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव (Bhanupratappur Assembly Bypoll) को लेकर बीते पांच दिनों से बीजेपी, कांग्रेस और सभी निर्दलीय प्रत्याशी धुआंधार चुनाव प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. साथ ही रोड शो कर भानुप्रतापपुर विधानसभा के हर ब्लॉक में पहुंच रहे हैं. वहीं शनिवार दोपहर तीन तक माइक से चुनाव प्रचार-प्रसार थम जाएगा, जिसके बाद प्रत्याशी डोर टू डोर चुनाव प्रचार के अभियान में जुटेंगे.


इधर शनिवार को तीन बजे से पहले खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी भानुप्रतापपुर पहुंच इस विधानसभा क्षेत्र में दो स्थानों पर आम सभा को संबोधित करेंगे, जिसमें कोरल हाई स्कूल मैदान में पहली आमसभा होगी. इसके बाद लखनपुरी तहसील चारामा पहुंचेंगे और यहां स्कूल मैदान कानापोड़ में आम सभा को संबोधित करेंगे.


दो चुनावी सभा को सीएम करेंगे संबोधित
वहीं बीजेपी के सभी दिग्गज नेता भी आज कई जगह आम सभा को संबोधित करेंगे. साथ ही सर्व आदिवासी समाज भी अपने प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने की अपील को लेकर बचे हुए गांव में नुक्कड़ सभा करेंगे. कुल मिलाकर दोपहर तीन बजे तक चुनाव प्रचार-प्रसार पूरे जोर शोर से होगा. मुख्यमंत्री की पहली सभा दोपहर 12 बजे कोरर हाई स्कूल मैदान में होगी. दरअसल, छत्तीसगढ़ के भानूप्रतापपुर विधानसभा में हो रहे उपचुनाव को सेमीफाइनल चुनाव कहा जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले साल छत्तीसगढ़ में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए इस सेमीफाइनल चुनाव में जीत दर्ज कराना बीजेपी और कांग्रेस के लिए  चुनौतीपूर्ण  है. हालांकि, कांग्रेस अपने जीत का दम भर रही है, तो वहीं बीजेपी भी सेमीफाइनल में अपनी जीत का दावा कर रही है, लेकिन इन दोनों राष्ट्रीय दल के अलावा सर्व आदिवासी समाज भी कांग्रेस और बीजेपी दोनों प्रत्याशी को कांटे की टक्कर दे सकती हैं


पांच दिसंबर को होना है मतदान
ऐसे में शनिवार दोपहर तीन बजे तक बीजेपी, कांग्रेस के अलावा सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार-प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. खुद मुख्यमंत्री भी आज दो आम सभा को संबोधित करने भानूप्रतापपुर पहुंच रहे हैं. वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पहले से ही भानुप्रतापपुर में डेरा जमाए हुए हैं. सोमवार पांच दिसंबर को मतदान होना है, ऐसे में चुनावी प्रचार-प्रसार थमने के बाद सभी सात प्रत्याशी डोर टू डोर अभियान में जुट जाएंगे.


फिलहाल, भानुप्रतापपुर उपचुनाव में सियासी माहौल गर्म है, क्योंकि आरक्षण को लेकर विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे को लेकर नाराज सभी आदिवासियों की नाराजगी दूर करने का दावा कर जीत का भी दावा कर रही है. फिलहाल, आठ दिसंबर को विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने हैं और उससे पहले जितना हो सके सभी प्रत्याशी इस चुनाव प्रचार-प्रसार में अपनी-अपनी ताकत झोंक रहे हैं. 



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