Bijapur News: छत्तीसगढ़  में बीते 5 दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर में अब शिक्षा के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं. इस इलाके में अब तक केवल स्कूली शिक्षा में ही सरकारें ध्यान देते रही हैं, लेकिन अब ऐसे इलाकों में पहली बार ग्रामीण छात्रों के उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज  खोले जा रहे हैं. बीजापुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित  कुटरू इलाके में  पहली बार  कॉलेज खोला जा रहा है.


इस इलाके के क्षेत्रीय विधायक ने कुटरू में कॉलेज के निर्माण को अनुपूरक बजट में भी शामिल कर लिया है, और मुख्यमंत्री ने भी  इसके लिए स्वीकृति दे दी है. अब यहां के छात्रों को स्कूली शिक्षा लेकर आगे की पढ़ाई नहीं छोड़ने पड़ेगी, और ना ही स्कूल की पढ़ाई छूटने से  नक्सली इन पर अपने दल में शामिल करने के लिए दबाव बना पाएंगे. अब यहां के ग्रामीण छात्र अपने ही गांव में कॉलेज की पढ़ाई कर सकेंगे.


कुटूर है घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र


छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का कुटूर इलाका घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. जिले में सबसे ज्यादा नक्सलियों ने इसी इलाके में वारदातों को अंजाम दिया है. विकास से अछूते इस कुटरू गांव में हमेशा से ही नक्सलियों का दहशत रहा है, लेकिन पिछले तीन से चार सालों में कुटरू गांव की तस्वीर बदली है. इस इलाके में सीआरपीएफ के नए कैंप खुलने के बाद लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन से यहां नक्सली बैकफुट पर हैं.


दरअसल नक्सली स्थानीय लोगों को अपने दल में शामिल करने के लिए ऐसे छात्रों को टारगेट करते हैं, जो स्कूली शिक्षा लेने के बाद संसाधन औऱ उनके गांव में  कॉलेज नहीं होने की वजह से अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ देते हैं. इन्हें नक्सली बहला-फुसलाकर अपने दल में शामिल करते हैं. इसे देखते हुए सरकार ने इसे गंभीर समस्या माना. 


मुख्यमंत्री ने दी कॉलेज खोलने के लिए हरी झंडी


साथ ही छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए पहली बार इस क्षेत्र में कॉलेज खोलने के लिए बिजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने पहल की, और नए कॉलेज के प्रस्ताव को अनुपूरक बजट में शामिल किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने भी  कॉलेज खोलने  के लिए हरी झंडी दिखा  दी. आने वाले दो महीनों में इस कुटरू गांव में कॉलेज निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.


12वीं के बाद नहीं छोड़नी पड़ेगी आगे की पढ़ाई
कुटरू में नए कॉलेज खुलने की जानकारी मिलने से  सबसे ज्यादा खुशी इस क्षेत्र के छात्रों और उनके परिजनों में है. छात्रों का कहना है कि इल गांव से बीजापुर जिला मुख्यालय लगभग 50 किलोमीटर दूर है, और इतनी दूर हर रोज कॉलेज जाना संभव नहीं है. लंबे समय से छात्र और पूरे ग्रामीण कुटरू में कॉलेज की मांग कर रहे थे, ताकि उनके बच्चे भी शहरी छात्रों की तरह उच्च शिक्षा ले सके, और आखिरकार इस कुटरू में कॉलेज खुलने की नीव डल चुकी है.


आने वाले नए सत्र से कॉलेज में पढ़ाई भी शुरू कर दी जाएगी. विधायक विक्रम मंडावी का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि जितने भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं, जहां केवल 12वीं तक के स्कूल है, उन जगहों में कॉलेज खुलें. इसके लिए उनकी ओर से भी कोशिश की जा रही है. फिलहाल कुटूर में कॉलेज खुलने से आसपास के करीब 20 से 30 गांव के सैकड़ो छात्रों को उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सकेगी.


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