Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सिलगेर के बाद नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में हजारो ग्रामीणों का चल रहा आंदोलन सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला आंदोलन बन गया है. जल, जंगल ,जमीन को बचाने की मांग को लेकर करीब 100 दिनों से हजारों ग्रामीण आंदोलन पर बैठे हुए हैं. अबूझमाड़ एरिया के लगभग 90 गांव के ग्रामीणों की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन में डटे रहने की बात कह रहे हैं.
तेज गर्मी, बेमौसम बारिश के बावजूद भी अपने घरों को छोड़कर जंगलो में आशियाना बना कर आंदोलन में डटे हुए हैं.ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार बिना ग्रामसभा के बाहरी बड़ी कंपनियों को यहां की जल ,जंगल, जमीन बेच रही है.बड़े-बड़े उद्योग लगाए जा रहे हैं. जंगलों की कटाई हो रही है, और ग्राम सभा के नियमों का उल्लंघन करते हुए प्लांट लगाने के लिए उनसे कोई अनुमति नहीं ली जा रही है.जिससे नाराज ग्रामीण सभी प्लांट को बंद करने और इन प्लांट के साथ सरकार की हुई सभी समझौते को भी रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
अनुमति के बिना ही चल रहा कारखाना खोलने का काम
छत्तीसगढ़ के सबसे पिछड़े क्षेत्र कहे जाने वाले नारायणपुर जिले अबूझमाड़ के लगभग 90 गांव के ग्रामीण पिछले 100 दिनों से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं .ग्रामीणों ने बताया कि धरना पर बैठे माड़ इलाके के सैकड़ो ग्रामीणों का घर धरना स्थल से काफी दूर होने से आने-जाने की दिक्कतें हो रही है.इसलिए घने जंगलों के बीच ही अपना नया आशियाना बनाकर आंदोलन में ग्रामीण डटे हुए हैं.
इसके अलावा ग्रामीणों ने पुलिस पर भी आरोप लगाया है ग्रामीणों का आरोप है कि माड़ के आदिवासियों को नक्सली बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्हें झूठे केस में फंसाकर गिरफ्तार किया जा रहा है.ऐसे में तुरंत फर्जी गिरफ्तारी बंद होनी चाहिए. पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही भी होनी चाहिए.इसके अलावा सुकमा और अबूझमाड़ के इलाके में हवाई हमले हो रहे हैं.इसे भी तत्काल बंद किया जाना चाहिए . ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे अपने आंदोलन में डटे रहेंगे.चाहे उन्हें कितने दिन भी अपना घरबार छोड़कर धरना स्थल में दिन बिताना पड़े.
प्रदर्शनकारियों से बातचीत का दौर जारी है
जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि आंदोलन पर बैठे ग्रामीणों को मनाने की कवायद जारी है.कुछ मांगों पर प्रशासन ने सहमति भी दी है.लेकिन अन्य मांगों को लेकर ग्रामीणों डटे हुए हैं.फिलहाल उनसे लगातार बातचीत जारी है.वही जिन जगहों पर ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं उन जगहों पर पुलिस के जवानों और कर्मचारियों की भी जाने की मनाही है.ऐसे में बड़े अधिकारी लगातार ग्रामीणों से बात कर आंदोलन को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: बालोद में बस पलटने से 15 लोग हुए घायल, चौथिया कार्यक्रम से वापस घर लौट रहा था परिवार