Scam Case: छत्तीसगढ़ में 200 करोड़ रुपए के डामर घोटाले को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस मामले में सरकार की ओर से फिर रटा रटाया जवाब दिया गया कि जिम्मेदार और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है. इस जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लिखित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए एक प्रति याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराने कहा है. अब केस की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.
दोबारा जनहित याचिका दायर
दरअसल, वीरेंद्र पाण्डेय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में प्रदेश भर की 21 सड़कों के निर्माण के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से 1200 करोड़ कर्ज लेने और उसमें से 200 करोड़ रुपए का घोटाला करने की जानकारी दी गई है.
हाईकोर्ट ने साल 2019 में शासन के लिखित आश्वासन के बाद जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया था. तब से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. याचिकाकर्ता 2014 से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शासन इस मामले में गुमराह कर रहा है. ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट में दोबारा जनहित याचिका दायर करनी पड़ी है.
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सरकार कार्रवाई की जानकारी दे- याचिकाकर्ता
वहीं इस मामले की सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. लेकिन सरकार की तरफ से फिर वही पुराना जवाब प्रस्तुत किया जा रहा है, जो संतोषजनक नहीं है. याचिकाकर्ता ने सरकार की तरफ से की गई कार्रवाई पर जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की है. याचिकाकर्ता के वकीलों ने याचिका को सरकार की कार्रवाई होने तक लंबित रखने को कहा, साथ ही सरकार की तरफ से की जा रही कार्रवाई की जानकारी लेने के लिए भी कहा गया.
सरकार दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करे
बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के तर्क पर सहमति जताते हुए सरकार को जांच और कार्रवाई के लिए समय दिया था. इसके जवाब में सरकार ने चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी की डिविजन बेंच में बताया कि इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अनुमति दी जा रही है. सुनवाई के दौरान सरकार के जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार उन दस्तावेजों को कोर्ट में फाइल करे, जिसमें कार्रवाई करने का उल्लेख किया गया है, साथ ही इसकी एक प्रति याचिकाकर्ता को भी उपलब्ध कराएं.
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