Chhattisgarh Borewell Rescue Operation: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) के अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) के गहन चिकित्सा कक्ष में इन दिनों एक मां और बेटे राहुल साहू का स्नेह हिलोरे मारता नजर आता है. यहां बेटे के चेहरे से मां की निगाहें हटने का नाम नहीं लेतीं क्योंकि मौत को मात देकर उसका बेटा जो उसके सामने है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा (Janjgir–Champa) जिले में 105 घंटे से ज्यादा वक्त तक 65 फुट गहरे गड्ढे में फंसे रहने वाले राहुल का उपचार बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में जारी है. उसकी सेहत सुधर रही है.


ऐसा है आईसीयू का नजारा


बिस्तर पर लेटे राहुल साहू के सिर पर मां गीता हाथ फेरे जाती हैं तो बीच-बीच में उसका माथा भी चूम लेती हैं. वह उसके शरीर पर उभरे जख्मों को देखती हैं और फिर बेटे को दुलार करने लगती हैं.




आईसीयू का यह नजारा हर किसी को भावविह्वल कर रहा है. राहुल सुन नहीं सकता लेकिन मां के हाथों में वो जादू है जो अपनी बात कह देते हैं. राहुल को भी कहां सुनने की जरूरत है वह तो मां के हाथों से संदेश को समझ लेता है. राहुल बोल भी नहीं सकता, वह एकटक मां को ही देखता रहता है, मां उसे निहारती रहती है, ऐसे में शब्दों की किसे जरूरत है.



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सरकार को दुआएं देते नहीं थक रही राहुल की मां


अस्पताल में राहुल की मां गीता साहू से जो भी मिलने आ रहा है, वह उसके सामने दोनों हाथों को कृतज्ञता से जोड़ लेती हैं. गीता का पांच दिन बुरा हाल रहा और उसने इस दौरान कुछ नहीं खाया और न ही सोयी हैं. गीता कहती हैं, ''सरकार, प्रशासन और बेटे को निकालने में लगी टीम को जीवन भर दुआएं दूंगी, भगवान सभी के बच्चों को लंबी उम्र दें.''


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